CM नीतीश के कार्यकाल में ही चमके हैं बिहार के गांव, विपक्ष को सिर्फ बातें कहने में विश्वास : JDU

पटना। शुक्रवार को जदयू के प्रवक्ता डॉ. रणबीर नंदन और ई. अभिषेक झा ने वर्चुअल तरीके से पार्टी की बातों को रखा। प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार के गांवों में जो विकास के कार्य हुए हैं, सिर्फ नीतीश कुमार के कार्यकाल में ही हुए हैं। विपक्ष में बैठे लोगों के पास विकास के शब्द का न अर्थ है और न ही इस दिशा में आगे बढ़ने का रोडमैप। विपक्ष जितनी बातें आज कहता है, अपने कार्यकाल में उसका 10वां हिस्सा भी किया रहता तो बिहार के गांवों का विकास आज और ऊपर होता। आरोप लगाते हुए कहा कि आज विपक्ष के नेताओं की छटपटाहट सिर्फ इसलिए है क्योंकि बिहार की जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया है और चुनाव दर चुनाव विपक्ष को हार ही मिली है।
ग्रामीण विकास के योजना बजट में तीन गुणा से अधिक की वृद्धि
डॉ. नंदन ने कहा कि गांव का विकास नीतीश सरकार की प्राथमिकता रही है। अंत्योदय को सही अर्थों में तभी लागू माना जा सकता है, जब सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के आखिरी पायदान पर खड़े आदमी तक पहुंचे। हमारी सरकार की नीतियों ने इसे लागू करके दिखाया है। वर्ष 2005-06 में ग्रामीण विकास विभाग का योजना बजट 595 करोड़ 7 लाख रुपए था, जो वर्ष 2021-22 में 16,409.66 करोड़ रुपए पहुंच गया है। 16 सालों में ग्रामीण विकास के योजना बजट में तीन गुणा से अधिक की वृद्धि हुई है।
अब तक 4.21 करोड़ मानव दिवस का सृजन
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मनरेगा योजना के तहत वर्ष 2021-22 में 20 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 4 करोड़ 21 लाख से अधिक मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है। अभी लगभग 4 लाख 48 हजार मनरेगा योजनाओं में काम चल रहा है, जिसमें प्रतिदिन लगभग साढ़े नौ लाख से 10 लाख श्रमिक काम कर रहे हैं। वर्ष 2021-22 में अब तक 1 लाख 296 नए जॉब कार्ड दिए गए हैं, जिससे 1 लाख 47 हजार 493 मजदूरों को जोड़ा गया है। सरकार ने मनरेगा में मजदूरी दर एक अप्रैल 2020 से ही 194 रुपए निर्धारित कर दी है। डॉ. नंदन ने कहा कि पिछले पांच साल में सृजित रोजगार में महिलाओं की हिस्सेदारी में दस फीसदी की व़द्धि हुई है।
सात निश्चय पार्ट-2 में गांव को प्राथमिकता
दोनों प्रवक्ता ने कहा कि सात निश्चय पार्ट 2 में गांव को प्राथमिकता दी गई है। हर खेत तक सिंचाई का पानी योजना को शुरू कराया गया है। वर्ष 2021-22 में इस कार्य के लिए कृषि विभाग के बजट में 50 करोड़, ऊर्जा विभाग के बजट में 300 करोड़, लघु जल संसाधन विभाग के बजट में 100 करोड़ यानी कुल 550 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया। स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव के तहत सभी गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने पर वर्ष 2021-22 में 150 करोड़ रुपए खर्च होंगे। शौचालय निर्माण घर का सम्मान योजना के तहत ग्रामीण विकास विभाग की ओर से सभी 8386 पंचायतों को ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्त कराया है। अब हमारे गांवों की मां-बहनें भी घरों में बने शौचालय का प्रयोग कर रही हैं। इस योजना के तहत एक करोड़ 23 लाख 27 हजार घरों को लाया गया है। प्रदेश के 534 प्रखंड, 101 अनुमंडल व 38 जिला को ओडीएफ घोषित किया गया है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में जल जीवन व हरियाली मिशन के तहत वर्ष 2022 तक तीन वर्षों में 24 हजार 524 करोड़ खर्च किए जाने की योजना है।

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