उपेंद्र कुशवाहा जैसे लोग बकवास करते हैं, उंगली उठाने से पहले उन्हें अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए : मृत्युंजय तिवारी
- उपेंद्र कुशवाहा ने राजद के शीर्ष नेतृत्व पर उठाया सवाल तो भड़के पार्टी प्रवक्ता, बोले- हम लोग रोज पूजा पाठ करने वालों में से हैं
पटना। रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर महागठबंधन के दोनों प्रमुख घटक दल एक दूसरे पर हमलावर हैं। जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने जहाँ राजद पर भाजपा से मिलीभगत करने आशंका जाहिर की वहीं उनके इस बयान पर राजद ने आपत्ति जताई है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने शनिवार को कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जैसे लोग बकवास कर रहे हैं। वह फालतू बातें कर रहे हैं। उन्हें अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए। खरमास बाद बिहार की राजनीति में किसी बड़े राजनीतिक बदलाव की खबरों पर तिवारी ने कहा कि जो भी खेला होना था पिछले सावन में हो गया है। बार-बार कितना खेला होगा। जो खेला होना था वह खेला हो गया। नीतीश कुमार से दिल का गठबंधन हुआ है। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो लोग इस शीतलहर में अपने बयानों से आग लगाने का काम कर रहे हैं उनको पहले यह देखना चाहिए कि नेता का इतिहास क्या है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भगवान राम के नाम पर राजनीति या रामचरितमानस से घृणा नहीं करती। हम लोग रोज पाठ करने वाले हैं। जो राजद में बीजेपी के एजेंट बता रहे हैं वह अपने गिरेबान में झांक लें, जवाब मिल जायेगा। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मुंह में राम बगल में छुरी रखने वाला यह काम कर रहे हैं। वह अपने गिरेबान में झांके सब का इतिहास जगजाहिर है। हमारी पार्टी और हमारे नेता ने बीजेपी से कभी हाथ नहीं मिलाया लेकिन 6 महीना पहले तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के साथ थे। अब हम लोगों के साथ हैं। वे मजबूती के साथ लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए आए हैं। कुछ लोग असली मुद्दे से ध्यान भटका रहे हैं। रोजी रोजगार का किसानों का सवाल बिहार के भलाई का सवाल होना चाहिए। लड़ाई गरीबी अमीरी की है। लेकिन यह लोग रामचरितमानस पर अटक जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस पर जदयू के तमाम नेता बागी नहीं हुए हैं। तिवारी ने कहा कि कहीं कोई बगावत का सवाल नहीं उठता है। सारे लोग मजबूती के साथ महागठबंधन की सरकार में है। चंद्रशेखर के माफी मांगने के सवाल पर कहा कि वे किस बात की माफी मांगगे। उन्होंने कोई सवाल नहीं खड़ा किया है तो फिर क्यों बेवजह का सब मुद्दा बना रहे हैं।