PATNA : वार्ता के लिए नहीं पहुंचे सफाईकर्मी संघ के नेता, इंतजार करते रहे अधिकारी
* राज्य के लगभग 70% नगर निकायों में हड़ताल की स्थिति नहीं, शेष 30% नगर निकायों में जल्द ही स्थिति होगी सामान्य: आनंद किशोर
* राज्य के सभी नगर निकायों में सफाईकर्मियों के हड़ताल की गहन समीक्षा
* सभी निगमायुक्त और कार्यपालक पदाधिकारियों को वैकल्पिक व्यवस्था से सफाई कार्य सुचारू रूप से जारी रखने के निदेश
पटना। नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने सोमवार को राज्य के सभी नगर निकायों में सफाईकर्मियों के हड़ताल की गहन समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान यह जानकारी प्राप्त हुई कि राज्य के लगभग 70% नगर निकायों में या तो हड़ताल की स्थिति नहीं है या फिर सफाईकर्मी काम पर वापस लौट आए हैं। इसके साथ ही शेष 30% वैसे नगर निकाय जहां पर अभी हड़ताल पर फैसला नहीं हुआ है, वहां जल्द ही स्थिति सामान्य होगी। प्रधान सचिव ने समीक्षा के दौरान सभी निगमायुक्त और कार्यपालक पदाधिकारियों को वैकल्पिक व्यवस्था से भी निकायों में सफाई कार्य सुचारू रूप से जारी रखने के निदेश दिए।
ज्ञात हो कि यूनियन के नेताओं के साथ रविवार को भी विभाग के सभाकक्ष में वार्ता हुई थी। इस दौरान यूनियन के नेताओं ने सोमवार को तीन सदस्यीय समिति के समक्ष हड़ताल पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था। सोमवार को कार्यालय में विशेष सचिव सह निदेशक, नगर पालिका प्रशासन निदेशालय, नगर विकास एवं आवास विभाग सतीश कुमार सिंह, निगम आयुक्त पटना नगर निगम हिमांशु शर्मा और उपनिदेशक बुद्ध प्रकाश सफाईकर्मी संघ के नेताओं का इंतजार करते रहे लेकिन यूनियन के नेता सोमवार को वार्ता के लिए नहीं उपस्थित हो सके।
इसके पहले प्रधान सचिव आनंद किशोर ने सफाई कर्मियों की राज्यव्यापी हड़ताल के परिप्रेक्ष्य में शनिवार को हड़ताली यूनियन के नेताओं के साथ कार्यालय में लगभग 2.5 घंटे तक गहन वार्ता की थी। इस दौरान उन्होंने नेताओं की मांग पर तीन सदस्यीय समिति भी गठित की थी। प्रधान सचिव ने संघ के द्वारा प्रस्तुत सभी मांगों की बिंदुवार समीक्षा करते हुए यूनियन के नेताओं से कहा था कि आपकी विभिन्न मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जा रहा है। यूनियन की वैसी मांग जो नियमों के अनुकूल है, उस पर विभाग द्वारा यथोचित निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यूनियन के नेताओं से जनहित को ध्यान में रखते हुए अपनी हड़ताल को अविलंब समाप्त करने की अपील की थी। जिसके बाद राज्य के 70 प्रतिशत नगर निकायों में या तो हड़ताल की स्थिति नहीं है या फिर कर्मी वापस काम पर लौट आए हैं।