चुनाव प्रचार करने के लिए केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत, सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

  • सुप्रीम कोर्ट बोली- केस पर बात नहीं करेंगे; 2 जून को सरेंडर करना होगा

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा गया है। उनके चुनाव प्रचार पर कोई रोक नहीं होगी। लेकिन वे केस से बारे में बात नहीं करेंगे। केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में 40 दिन से तिहाड़ जेल में बंद हैं। आज शाम तक वे जेल से बाहर आ सकते हैं। अदालत ने शुक्रवार को 2 बजे एक लाइन में फैसला सुनाया। कोर्ट का पूरा ऑर्डर अभी तक नहीं आया है। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, ‘अगस्त 2022 में ईडी ने केस दर्ज किया। उन्हें मार्च (2024) में गिरफ्तार किया गया। 1.5 साल तक वे कहां थे? गिरफ्तारी बाद में या पहले हो सकती थी। 21 दिन इधर या उधर से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।’ आम आदमी पार्टी के प्रमुख को मतगणना से पहले दोबारा जेल जाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2 जून को सरेंडर करने को कहा है। कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांककर दत्ता की बेंच ने शुक्रवार को अपना आदेश सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले सुनवाई के दौरान कहा था कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं और आदतन अपराधी नहीं हैं। कोर्ट ने कहा था कि लोकसभा चुनाव पांच साल बाद आता है इसलिए केजरीवाल को जमानत देने में कोई हर्ज नहीं है। ईडी ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का पुरजोर विरोध किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने चुनाव प्रचार के आधार पर केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध किया, कहा कि ऐसा कोई पूर्व उदाहरण नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा कि केजरीवाल को 21 दिन के लिए अंतरिम जमानत देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। अरविंद केजरीवाल की ओर पेश हुए वकील अभिषेक सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की थी कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को 4 जून को होने वाली मतगणना के एक दिन बाद पांच जून तक अंतरिम जमानत दी जाए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज करते हुए केजरीवाल को 1 जून तक के लिए राहत दी। लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान तक वह जेल से बाहर रहेंगे। शीर्ष अदालत मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के पिछले महीने के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई में वक्त लगेगा और ऐसे में केजरीवाल को अंतरिम राहत दी जानी चाहिए।

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