पुनपुन नदी पुल पर बड़ा हादसा, रेलिंग तोड़कर गिरा ट्रैक्टर, चालक की मौके पर मौत

पटना। जिले के गौरीचक थाना क्षेत्र में बुधवार की सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसमें एक ट्रैक्टर पुल से नीचे गिर गया और चालक की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा पुनपुन नदी पर बने पुल पर उस वक्त हुआ जब ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर रेलिंग तोड़ते हुए लगभग 100 फीट नीचे जा गिरा।
कोटिया गांव के अशोक पासवान थे मृतक
हादसे में जान गंवाने वाले ट्रैक्टर चालक की पहचान दीदारगंज थाना क्षेत्र के कोटिया गांव निवासी अशोक पासवान के रूप में हुई है। वे रोज की तरह सुबह अपने ट्रैक्टर से पुनपुन नदी की ओर निकले थे। बताया जा रहा है कि जैसे ही उनका ट्रैक्टर गौरीचक बाजार के पास स्थित पुल पर पहुंचा, वह अचानक अनियंत्रित हो गया और पुल की रेलिंग तोड़ते हुए सीधे नीचे गहरे गड्ढे में जा गिरा।
हादसे के बाद ग्रामीणों में अफरा-तफरी
घटना के तुरंत बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। ट्रैक्टर के गिरने की तेज आवाज सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने देखा कि ट्रैक्टर गड्ढे में कीचड़ में फंसा हुआ था और चालक बेसुध पड़ा था। लोगों ने तत्काल इसकी सूचना गौरीचक थाना को दी।
पुलिस मौके पर पहुंची, शव को भेजा गया पोस्टमार्टम के लिए
सूचना मिलते ही गौरीचक थाना प्रभारी अरुण कुमार अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और चालक की हालत देखी, जो तब तक दम तोड़ चुका था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया है।
जांच में जुटी है पुलिस
थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि हादसे के सही कारणों की जांच की जा रही है। फिलहाल प्राथमिक अनुमान है कि ट्रैक्टर अनियंत्रित होने के कारण यह हादसा हुआ। लेकिन यह भी देखा जा रहा है कि कहीं पुल की संरचना में कोई कमजोरी तो नहीं थी या फिर चालक को स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या अचानक पेश आई हो।
लापरवाही या व्यवस्था की खामी?
यह हादसा कई सवाल भी खड़े करता है। पहला सवाल यह कि क्या पुल की रेलिंग इतनी कमजोर थी कि एक ट्रैक्टर के टकराने से टूट गई? दूसरा, क्या इस पुल की समय-समय पर मरम्मत और निरीक्षण हो रहा है? इन बिंदुओं पर प्रशासन को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
ग्रामीणों में शोक और आक्रोश
अशोक पासवान की मौत से कोटिया गांव और आसपास के ग्रामीण इलाकों में शोक की लहर फैल गई है। वहीं, लोगों में प्रशासनिक लापरवाही को लेकर गुस्सा भी है। ग्रामीणों का कहना है कि पुल की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होती तो शायद यह जान बचाई जा सकती थी। यह हादसा न केवल एक परिवार की जिंदगी उजाड़ गया बल्कि प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है कि सार्वजनिक संरचनाओं की निगरानी और रखरखाव में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। ट्रैफिक नियमों, वाहन की फिटनेस और चालक की सतर्कता के साथ-साथ पुलों जैसी संरचनाओं की मजबूती भी उतनी ही जरूरी है। समय रहते अगर जरूरी कदम उठाए जाएं, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
