ग्रह-गोचरों के शुभ संयोग में हरितालिका तीज व चतुर्ग्रही योग में गणेश चतुर्थी व्रत कल

*उद्या तिथि के मान से पुरे दिन सुहागिन करेंगी तीज, दोपहर में चतुर्थी होने से आज ही विराजेंगे गणपति बप्पा*

मनमानस ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के प्रणेता कर्मकांड विशेषज्ञ पं. राकेश झा शास्त्री ने बताया कि लगातार दो वर्षों से हरितालिका तीज एवं गणेश चतुर्थी व्रत एक ही दिन पड़ रहा है। लेकिन आज दोनों पूजा में ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बन रहा है, जो की अत्यंत पुण्यफलदायी है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चतुर्थी युक्त तृतीया का सौभाग्य वृद्धि में विशेष महत्व है। आज तृतीया तिथि का पूर्ण मान, हस्त नक्षत्र का उदयातिथि योग तथा सायंकाल चतुर्थी तिथि की पूर्णता होने से हरितालिका तीज पर्व की महत्ता और बढ़ गई है। पंडित झा ने आगे बताया कि आज तीज व्रत में ग्रह-गोचरो का युग्म संयोग भी बन रहा है। भाद्रपद शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र सोमवार दिन के साथ शुभ नामक योग का अति पुण्यप्रद संयोग बन रहा है। इस पुण्य योग में व्रत करने से अखंड सौभाग्य, सुख-समृद्धि, निरोग काया एवं पति की चिर आयु का आशीर्वाद मिलता है। इस तीज व्रत को करने से सुहागिन स्त्रियों के सौभाग्य में वृद्धि होगी तथा शिव-पार्वती उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान भी देंगे।

हस्त नक्षत्र में तीज का पारण निषेध व चित्रा नक्षत्र में पारण से सौभाग्य वृद्धि

धर्मशास्त्र के अनुसार हस्त नक्षत्र में हरितालिका तीज व्रत का पारण वर्जित माना गया है, वहीं कल रविवार 01 सितंबर को व्रत रखने वाली व्रतियों को पारण आज सोमवार के अहले सुबह हस्त नक्षत्र में ही करना पड़ेगा। जो की शास्त्र सम्मत के विरुद्ध होगा। आज सोमवार को व्रत करने वाले श्रद्धालु 3 सितंबर दिन मंगलवार के सुबह चित्रा नक्षत्र में पारण करेंगे। चित्रा नक्षत्र को सौभाग्य वृद्धि में सहायक माना गया है। इसीलिए सर्वसिद्ध हरितालिका तीज व्रत चतुर्थी युक्त तृतीया एवं हस्त नक्षत्र के कारण आज सोमवार को ही मान्य है।

इन मंत्रों से करें उमा-महेश्वर पूजा

ज्योतिषी पंडित झा ने कहा कि इन मंत्रो के उच्चारण करते हुए पूजा करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होंगी I साथ ही उनकी असीम अनुकंपा की प्राप्ति भी होगी I इस महापुण्य फलदायी संयोग में पूजा करने से धन-धान्य, ऐश्वर्य तथा उत्तम स्वास्थ्य का वरदान भी मिलेगा I

भगवान भोलेनाथ की पूजा के दौरान ये मंत्र पढ़े

ऊँ हराय नम:, ऊँ महेश्वराय नम:, ऊँ शम्भवे नम:, ऊँ शूलपाणये नम:, ऊँ पिनाकवृषे नम:, ऊँ शिवाय नम:, ऊँ पशुपतये नम:, ऊँ महादेवाय नम:

माता पार्वती के पूजन के समय ये मंत्र कहे-

ऊँ उमायै नम:, ऊँ पार्वत्यै नम:, ऊँ जगद्धात्र्यै नम:, ऊँ जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊँ शांतिरूपिण्यै नम:, ऊँ शिवायै नम:

हरितालिका तीज पूजन शुभ मुहूर्तः उद्या तिथि के अनुसार- पूरे दिन-रात

प्रदोष मुहूर्त:- शाम 6:43 बजे से रात्रि 8:58 बजे तक
गुली काल मुहूर्त:- दोपहर 02:01 बजे से 03:35 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: मध्याह्न 12:01 बजे से 12:52 बजे तक

गणपति बप्पा की पूजा से घर आयेगी सुख-समृद्धि

ज्योतिष विद्वान पं० राकेश झा शास्त्री ने बताया कि भगवान गणेश का जन्म आज ही के दिन भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि को मध्याह्र काल में स्वाति नक्षत्र तथा सिंह लग्न के युग्म संयोग में हुआ था। जिसे अत्यंत शुभ माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गजानन को विद्या-बुद्धि का प्रदाता, विघ्न-विनाशक एवं मंगलकारी कहा गया है। यह पर्व पुरे दस दिवस तक चलता है। आज से आरंभ होकर 12 सितंबर यानि अनंत चतुर्दशी को पूर्णाहुति के साथ इनका विसर्जन किया जाएगा। मान्यता है कि गुरु-शिष्य परंपरा के तहत इसी दिन से विद्याध्ययन का शुभारंभ होता है। भगवान गणेश पापों का शमन करते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस दौरान गणपति की भव्य पूजा-आरती की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काम सिद्धि के लिए गणेश की उपासना आवश्यक है।

चतुर्ग्रही योग का बना सुयोग

पंडित झा के अनुसार आज गणेश चतुर्थी पर ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति से शुक्ल और रवियोग बन रहे हैं। इनके साथ ही सिंह राशि में चतुर्ग्रही योग भी बन रहा है। सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र के होने से चतुर्ग्रही योग बना रहा हैं। सितारो की इस शुभ स्थिति के कारण ये त्योहार और भी महत्वपूर्ण हो गया हैं । ग्रह-नक्षत्रों के इस शुभ संयोग में गणेश स्थापना करने से सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होगी ।

चन्द्र दर्शन दोष से बचाव

पंडित झा के मुताबिक भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानि सोमवार की रात में चंद्रदर्शन (चन्द्रमा देखने को) निषिद्ध किया गया है। जो व्यक्ति इस रात्रि को चन्द्रमा को देखते है उन्हें झूठा-कलंक प्राप्त होता है। ऐसा शास्त्रों का निर्देश व अनुभूत है। कलंक के डर से मान्यता बन गई है जिससे लोग इस तिथि पर चंद्र दर्शन नहीं करते है।

मूर्ति स्थापना व पूजा मुहूर्त

शुक्ल योग:- सुबह 11:07 बजे से पुरे दिन
अभिजीत मुहूर्त:- मध्याह्न 12:01 बजे से 12:52 बजे तक
गुली काल मुहूर्त:- दोपहर 02:01 बजे से 03:35 बजे तक

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