पटना में तेज रफ्तार कंटेनर ने इंजीनियर को मारी टक्कर, घसीटते हुए गड्ढे में फंसा, हालत गंभीर

- बिहटा-सरमेरा मार्ग पर चेसी गांव के पास हुआ हादसा, ट्रक चालक फरार, पुलिस जांच में जुटी
पटना। राजधानी पटना के नौबतपुर थाना क्षेत्र में गुरुवार देर शाम एक भीषण सड़क हादसे में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा उस वक्त हुआ जब इंजीनियर शिवेंद्र कुमार उर्फ चुन्नू (25), ड्यूटी खत्म कर अपनी मोटरसाइकिल से गांव लौट रहे थे। चेसी गांव के पास तेज रफ्तार कंटेनर ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कंटेनर ट्रक ने बाइक समेत शिवेंद्र को घसीटते हुए सड़क किनारे गड्ढे में धकेल दिया। हादसे के तुरंत बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए पुलिस को सूचना दी और घायल युवक को गड्ढे से निकालकर इलाज के लिए पटना एम्स पहुंचाया। युवक की हालत गंभीर बताई जा रही है और फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में उसका इलाज जारी है। घटना के संबंध में नौबतपुर थाना प्रभारी रजनीश कुमार केसरी ने बताया कि हादसा बिहटा-सरमेरा मुख्य मार्ग पर स्थित चेसी गांव के पास हुआ। कंटेनर की रफ्तार काफी तेज थी और संभवतः चालक ने नियंत्रण खो दिया था। हादसे के बाद ट्रक चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने कंटेनर को कब्जे में ले लिया है और चालक की तलाश में छापेमारी की जा रही है। शिवेंद्र कुमार, मूल रूप से चेसी गांव के निवासी हैं और फिलहाल पटना में रहकर एक निजी सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत हैं। हादसे के वक्त वे अपने कार्यालय से काम खत्म कर घर लौट रहे थे। उनका परिवार और गांववाले इस घटना से स्तब्ध हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही अधिक है, और सड़क की हालत भी खस्ता है। कई बार प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद न तो सड़क की मरम्मत हुई है और न ही स्पीड कंट्रोल के उपाय किए गए हैं। ग्रामीणों ने इस हादसे के बाद विरोध जताते हुए प्रशासन से सड़क पर ट्रैफिक नियंत्रण और स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और सीसीटीवी फुटेज व अन्य तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर ट्रक चालक की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या कंटेनर के पास वैध परमिट और ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस था या नहीं। यह हादसा न केवल सिस्टम की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता और प्रभावी कानून लागू करने की आवश्यकता की भी गंभीरता से ओर इशारा करता है। प्रशासन यदि समय रहते कार्रवाई नहीं करता, तो ऐसे हादसे आगे भी होते रहेंगे।
