PATNA : दूध की किल्लत को दूर करने के लिए सुधा डेयरी ने किसानों के बीच 50  दुधारू नस्ल के भैंस के बच्चे किए वितरित

  • पंजाब व हरियाणा से मंगवाए गए मुर्राह नस्ल के भैंस के बच्चे
  • पशुओं का समुचित आहार देकर उनकी देखभाल करें किसान

पटना,फुलवारीशरीफ। शनिवार को वैशाल पाटलिपुत्र दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि. पटना के पशु आहार कारखाना जगदेव पथ पटना में संघ द्वारा संचालित पशु संवर्धन योजना के अंतर्गत पशु वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिसमें डॉ. रामेश्वर सिंह, कुलपति, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, विजय प्रकाश मीणा (भा.प्र.से.), प्रबंध निदेशक, कॉम्फेड, पटना, डॉ. वीर सिंह, डीन, संजय गाँधी इंस्टीच्युट ऑफ डेयरी टेक्नोलॉजी, पटना, डॉ. पंकज कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष, पशु पोषण विभाग, बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पटना,  संजय कुमार, अध्यक्ष भी.पी.एम.यू. पटना,  रमेश कुमार मिश्रा, महाप्रबंधक, कॉम्फेड, पटना एवं नारायण ठाकुर, प्रबंध निदेशक, भी.पी.एम.यू. पटना की गरिमामयी उपस्थिति में पटना डेयरी प्रोजेक्ट के क्षेत्रान्तर्गत की समितियों से जुड़े किसानों में पशुओं का वितरण किया गया। वैशाली पाटलिपुत्र दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ से जुड़े 50 किसानों को लॉटरी के जरिए पंजाब व हरियाणा से मंगवाए गए दुधारू नस्ल के भैंस के बच्चे (पाड़ी ) वितरित किए गए। वही इस समारोह में बताया गया कि भैंस के बच्चे वितरण करने की योजना इस उद्देश्य से किया जा रहा है। ताकि संघ से जुड़े किसानों को दुधारू नस्ल मुहैया कराया जा सके इस दुधारू नस्ल के जरिए आगे जो भी पशु आएंगे वह भी दुधारू होंगे इस योजना के जरिए किसानों को दूध उत्पादन बढ़ाने में सहूलियत होगी।

किसानों को अधिक दूध उत्पादन होगा तो डेयरी को भी दूध के आपूर्ति में बढ़ोतरी होगी। समारोह में मौजूद पशु धन से जुड़े विद्वानों ने कहा कि गांव के इलाके में ऐसी भ्रांतियां है कि जब तक पशु धन दुधारू नहीं होते उन्हें पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं दिया जाता है। किसानों से आह्वान किया गया कि दूध नहीं देने के उम्र में भी पशुओं को पर्याप्त और समुचित मात्रा में आहार उपलब्ध कराएं। ताकि आगे जब गर्भ धारण करें तो आपके दुग्ध में कमी ना हो। समारोह में किसानों को पशु क्रूरता के बारे में विस्तार से बताया गया। सर्वप्रथम संघ के प्रबंध निदेशक नारायण ठाकुर ने अपने संबोधन में आगन्तुक अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज का दिन एक स्वर्णिम दिन के रूप में जाना जाएगा। वही उन्होंने कहा कि मुर्राह नस्ल की पाड़ी पंजाब से मंगाकर किसानों को उपलब्ध कराना एक अनोखा पहल है। इसका दूरगामी सुखद परिणाम निकलेगा। मुख्य अतिथि डॉ. रामेश्वर सिंह, कुलपति, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना जो कि हरियाणा के सफल पशुपालक परिवार से संबद्ध है तथा पशु विज्ञान में इन्हें व्यापक अनुभव है।

वही उन्होंने पशुपालकों को सुझाव दिया कि पशुओं के स्वास्थ्य, खान-पान, रख-रखाव एवं गर्भाधान में उन्नत नस्ल के सीमेन का प्रयोग करें जिससे कि अधिक से अधिक उत्पादन हो सके एवं पशुपालक ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हो सके। जैसे सुधा दाना, हरा चारा इत्यादि को प्रचुर मात्रा में दें ताकि बच्चा देने के समय इसका लाभ आपको मिल सके। वही इस संघ के अध्यक्ष  संजय कुमार ने पशुधन वितरण समारोह में इसकी लागत में आर्थिक सहयोग हेतु उन्होंने महासंघ से आग्रह किया। जिससे किसानों को आर्थिक राहत मिल सके। साथ ही उन्होंने ग्रामीण स्तर पर राज्य से बाहर हो रहे मवेशियों के खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने हेतु प्रबंध निदेशक कॉम्फेड से आग्रह किया। वही उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर अगर कोई पशुपालक मवेशी का क्रय कर दूसरा मवेशी खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए एक एप्प बनाकर उसके माध्यम से खरीद बिक्री की जाए। जिससे गरीब पशुपालक को विचौलियों से राहत मिल सके।कॉम्फेड के प्रबंध निदेशक विजय प्रकाश मीणा ने विभिन्न जिलों से आये दुग्ध उत्पादक किसानों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि कॉम्फेड का प्रयास है कि पशुपालकों को ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने आश्वस्त किया कि कॉम्फेड आपकी सुविधा हेतु सदैव तत्पर रहेगा। उन्होंने बिहार सरकार की आने वाली योजना के विषय में भी जानकारी दी। वही इस कार्यक्रम में पटना डेयरी प्रोजेक्ट के निदेशक मंडल सदस्य बासुकीनाथ सिंह, सुरेन्द्र दास, नागेश्वर राय, अवधेश भगत, रिंकू देवी, प्रमिला देवी एवं नीला चौधरी के साथ-साथ संघ के सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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