आनंद मोहन की रिहाई मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, जी कृष्णैया की पत्नी ने दायर की है याचिका

नई दिल्ली/पटना। पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई बरकरार रहेगी या उन्हें फिर से जेल जाना होगा। इस केस में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। केस 27वें नंबर पर है। कोर्ट नंबर 5 में जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी। इससे पहले 11 अगस्त को केस की सुनवाई थी, जहां कोर्ट ने बिहार सरकार को इस मामले में एडिशनल काउंटर एफिडेविट फाइल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 26 सितंबर की सुनवाई में बेंच पूरी बातों को सुनेगी। आनंद मोहन की रिहाई का विरोध कर रहीं केस की पिटीशनर और उनकी पत्नी उमा देवी कृष्णैया ने एक एडिशन री-ज्वॉइंडर पिटीशन फाइल की है। जिसमें उन्होंने गुजरात के बिलकिस बानो केस का हवाला देते हुए पूर्व सांसद की रिहाई का विरोध किया है। इस री-ज्वॉइंडर पिटीशन के जरिए उमा कृष्णैया ने कहा है कि जिस तरह से बिलकिस बानो केस के अभियुक्तों को आउट ऑफ टर्न जाकर छोड़ा गया। उसी तरह बिहार सरकार ने भी मेरे पति और गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की हत्या में दोषी आनंद मोहन को रिहा किया। राज्य सरकार ने उन्हें रिहा करने के लिए सारे नियम ही बदल दिए। सरकार ने आउट ऑफ वे जाकर काम किया है। इनकी एडवोकेट तान्या श्री के अनुसार, एडिशनल री-ज्वॉइंडर पिटीशन के जरिए उमा देवी कृष्णैया ने आनंद मोहन की रिहाई का विरोध किया है। साथ ही आनंद मोहन के खिलाफ जितने क्रिमिनल केस बिहार के अलग-अलग थानों में दर्ज है। उनकी संख्या और स्थिति बताने की भी अपील की है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार इसे छिपाने में जुटी है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई दोपहर 12 बजे या उसके बाद होगी। इस महत्वपूर्ण सुनवाई पर बिहार से लेकर दिल्ली तक सबकी नजरें टिकी हैं। आनंद मोहन की तरफ से सीनियर एडवोकेट एपी सिंह पक्ष रखेंगे। साथ ही बिहार सरकार के फैसले को बरकरार रखने की मांग कोर्ट से करेंगे। वो उमा देवी कृष्णैया की तरफ से रिहाई को कैंसिल किए जाने की मांग का विरोध करने वाले हैं। आनंद मोहन पर गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैया की हत्या में शामिल होने के दोषी हैं। इस मामले में उम्र कैद की सजा के तौर पर उन्होंने 16 साल जेल में बिताए हैं। बिहार सरकार ने 10 अप्रैल को कारा नियमों में बदलाव किया, जिसके बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया। 27 अप्रैल को उनकी रिहाई हो गई।

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