पुनपुन घाट पर 28 से शुरू होगा पिंडदान; लोगों की जुटेगी भीड़, तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा प्रशासन

पटना। प्रथम पिंडदान स्थल पुनपुन घाट पर 28 सितंबर से पिंडदान शुरू होने जा रहा है। यह पिंडदान 14 अगस्त तक चलेगी। पुनपुन घाट पर तैयारी जोर-शोर से चल रही है। पिंडदान स्थल पर ठहरने के लिए एक धर्मशाला के अलावा एक सामुदायिक केंद्र है। पुनपुन घाट पर शौचालय की व्यवस्था के साथ ही साथ चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की जा रही है। दूर-दराज से आने वालों के लिए सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। एसडीआरएफ की टीम के अलावा गोताखोरों को भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैनात किया जाएगा। सहायता केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। एसबीआई की तरफ से एटीएम मोबाइल की व्यवस्था की गई है। पिंडदान के महत्व को बताते हुए मंदिर के पुजारी ने कहा कि पुनपुन घाट प्रथम पिंडदान स्थल के रूप में जाना जाता है। इतिहास के पन्नों में इसका वर्णन सुनहरे अक्षरों में किया गया है। उन्होंने बताया कि 45 वेदी में प्रथम विधि पिंडदान स्थल पुनपुन घाट को ही माना जाता है। इसके बाद 44 वेदी स्थल गया में स्थित है। पिंडदान के लिए आने वाले लोग अपना प्रथम पिंडदान पुनपुन नदी के घाट से शुरू कर गया में समापन करते हैं। उन्होंने कहा कि पिंडदान से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस वर्ष पिंड दान करने के लिए नेपाल-भूटान के अलावा भारत के विभिन्न राज्यों से लोगों के आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
11 डॉक्टरों की टीम के अलावा दो एंबुलेंस की तैनाती रहेगी
11 डॉक्टरों की टीम के अलावा दो एंबुलेंस की तैनाती रहेगी। इसके अलावा पुनपुन घाट पर कई ट्रेनों के लिए रेल अधिकारियों से मांग की गई है। उक्त बातों की जानकारी पुनपुन के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि पिंडदान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सारी व्यवस्थाएं की जा रही है।

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