रवि योग में सावन का चौथा और अंतिम सोमवार कल

पुत्र कारक सोम प्रदोष में शिव शक्ति की पूजा से संतान के साथ भवन-वाहन का मिलेगा सुख

शिव के प्रिय सावन मास का चौथा एवं अंतिम सोमवार पर भक्तों को भोले बाबा के साथ-साथ मां गौरी की भी असीम कृपा प्राप्त होगी। मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती साथ-साथ पृथ्वी पर विचरण करते है। सावन की सोमवारी पर विशेषकर शिव की कृपा बरसती है। मंदिरो में भोलेनाथ के भक्त अपनी मनोकामनाओ की पूर्ति और शिव की कृपा पाने के लिये जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करेंगे। भगवान शिव पर गंगाजल, दूध, भांग-धतूर, आक, मधु, घी आदि अर्पित किये जायेंगे।

मनमानस ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के प्रणेता व कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि आज सावन मास के शुक्ल पक्ष में सोमवार दिन के साथ प्रदोष व्रत होने से यह पुत्र कारक योग हो गया है। पुत्र की कामना रखने वाले श्रद्धालु आज के दिन महादेव को दूध, दही, मधु, गंगाजल से स्नान आदि करा कर विशेष पूजा व श्रृंगार करेंगे तो उन्हें उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी I आज पूर्वाषाढ़ नक्षत्र सोमवार दिन को प्रदोष होने से रवियोग बन गया है I जो पूजा-पाठ अनुष्ठान के लिए खास माना जाता है। यदि किसी जातक के कुंडली में सूर्य, चन्द्र कमजोर है या महादशा है तो आज के दिन महाकाल की पूजा के बाद आदित्य हृदयस्त्रोत्र का पाठ करना श्रेयस्कर होगा। यह सोमवार आर्थिक कष्टों एवं शत्रु पर विजय देने वाला है। इसके अलावे कार्य क्षेत्र और जीवन में आने वाले दूसरों बाधाओं से भी छुटकारा मिल सकता है।

ज्योतिषी पंडित झा के अनुसार इस पुण्य योग पर शिव और शक्ति का खास पूजन करने से शत्रुओं से छुटकारा मिलता है तथा गाड़ी-बंगले की इच्छा भी पूरी होती है। उन्होंने कहा कि चन्द्रमा कुंडली के चौथे भाव का प्रतिनिधित्व करता है। चौथा भाव भवन- वाहन और मातृ का प्रतीक होता है। किसी व्यक्ति की कुण्डली में चौथा भाव कमजोर है या बलहीन है, उन लोगों को विशेष पूजन से शीघ्र अतिशीघ्र गाड़ी-बंगले की प्राप्ति होती है।

ऐसे करे पूजा, मनोकामना होगी पूरी

पं. राकेश झा ने बताया कि आज के दिन शुभ मुहूर्त में शिवालय में जाकर शिव-गौरी और चन्द्रमा का पूजन करें। सर्वप्रथम शिवलिंग और गौरी की प्रतिमा पर जलार्पण करे। दूध में शहद मिलाकर शिव और गौरी का अभिषेक करें। शिवलिंग पर बिल्व पत्र और गौरी पर सफेद रंग के फूल अर्पित करें। फिर शिवलिंग पर चंदन से त्रिपुण्ड बनाएं। देवी गौरी पर चंदन से लेप लगाएं। दूध से बना कोई भी मिष्ठान शिव और गौरी को अर्पित करके बांट दें। ऐसा करने से अगले सावन तक आपके बंगले व गाड़ी की इच्छा जरूर पूरी होगी।

नन्दी की पूजन से कामना जल्दी होंगे पूरे

पंडित राकेश झा के कहा कि सावन के सोमवार को शिव पूजन के बाद भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय नन्दी की पूजा करने से के बाद अपनी कामनाओं को इनके कान में कहने से उसकी पूर्ति जल्दी होती है। मान्यता है कि शिव की पूजा के बाद नन्दी की पूजा नहीं करने से पूजा अधूरी मानी जाती है।

मनोकामना पूर्ति के लिए शिव को ये करे अर्पित

पंडित झा ने कहा कि पुत्र प्राप्ति के दूध व घी से अभिषेक तथा धतूरे का फूल, दीर्घायु के लिए अकावन की फूल, सर्व सुख प्राप्ति हेतु हरसिंगार पुष्प,शत्रु नाश के लिए घी व सरसो तेल से अभिषेक कर कुसुम पुष्प अर्पित करे I वहीं सुयोग्य पत्नी के लिए बेला का फूल, मोक्ष प्राप्ति हेतु आक, अलसी या समीपत्र तथा लक्ष्मी प्राप्ति के लिए शिव को दूध व ईख रस से अभिषेक तथा शंख पुष्प चढ़ाए I इसके साथ ही संतान सुख के लिए आक, धथुर,वाहन सुख हेतु चमेली का पुष्प, धन-संपत्ति के लिए कमल व गुलाब पुष्प , विवाह सम्बंधी समस्याओ से छुटकारा हेतु बेली या अपराजिता का फूल, मानसिक शांति के लिए भांग एवं भस्म, पारिवारिक कलह हेतु पीला कनैल या धथुर, मनोकामना सिद्धि के लिए बेलपत्र, समीपत्र व कनैल फूल तथा सौंदर्य प्राप्ति के लिए ढंडा जल, दूध या पंचामृत अर्पित करे।

उमा-महेश्वर पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

अभिजित मुहूर्त:- मध्याह्न 12:06 बजे से 12:58 बजे तक
गुली काल मुहूर्त:- दोपहर 02:09 बजे से शाम 03:46 बजे तक
प्रदोष काल में पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 06 :59 बजे से रात्रि 09 :10 बजे तक

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