राजद के दलित नेताओं का हमला-नीतीश सरकार है दलित विरोधी,आरक्षण खत्म करने का षड्यंत्र रचने का आरोप
पटना।आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार के राजनीति में दलित वोटों पर हकमारी को लेकर जदयू तथा राजद के बीच ठन गई है।इसी कड़ी में आज राजद के दलित नेताओं ने नीतीश सरकार के खिलाफ फ्रंट खोलते हुए कहा है कि नीतीश सरकार में दलितों के साथ जमकर अन्याय हुआ है।आज राजद के चार प्रमुख दलित नेताओं पूर्व मंत्री रमई पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी,पूर्व मंत्री श्याम रजक तथा शिवचंद्र राम ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर नीतीश कुमार पर राजनीतिक हमला बोला है।मीडिया को संबोधित करते हुए राजद के दलित नेताओं ने कहा कि नीतीश सरकार दलित विरोधी है।दो दिन पूर्व राजद में शामिल हुए पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि बिहार में दलितों पर अत्याचार का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।2005 में नीतीश सरकार के गठन के पूर्व जहां आंकड़ा 7 प्रतिशत था वहीं आज बढ़कर 17 प्रतिशत हो गया है।पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा की दलितों पर अत्याचार के मामले में बिहार देश का तीसरा राज्य है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रोन्नति में आरक्षण का मामला पिछले 11 वर्षों से लंबित है।उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद दलितों तथा वंचित जमात के लोग शायद ही शिक्षक बन सके हैं।राजद नेताओं ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार आरक्षित पदों पर भी कांटेक्ट के आधार पर काम ले रही है। इतना ही नहीं पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग तथा केंद्रीय चयन आयोग में कोई भी सदस्य अनुसूचित जाति जनजाति का नहीं है।पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने बिहार सरकार पर राजनीतिक हमला बोलते हुए कहा कि बिहार सरकार ने गरीबों तथा अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों के विश्वास पर कुठाराघात किया है।इतना ही नहीं पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने आरोप लगाया कि केंद्र तथा राज्य सरकार मिलकर आरक्षण खत्म करने के प्रयास कर रही है। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार दलितों तथा आदिवासियों पर अत्याचार करने के लिए विख्यात हो चुकी है।इस सरकार के द्वारा दलित और आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति बंद कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून के साथ 70 हजार दलितों पर केस दर्ज किया गया है।