इस्कॉन मंदिर में धूमधाम से मनाई गई राधाष्टमी: श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, सुरक्षा की खास व्यवस्था
पटना। पटना के इस्कॉन मंदिर में आज राधाष्टमी का धूम-धाम से मनाया जा रहा है। राधा रानी का जन्म, दिन में हुआ था। इसलिए दोपहर ठीक 12 बजे राधा रानी का अवतरण हुआ। इसके बाद राधा रानी का महाभिषेक और श्रृंगार किया गया। इस्कॉन में कृष्ण जन्माष्टमी की तरह राधाष्टमी को भी हर्षो-उल्लास से मनाया जाएगा। आज सुबह से ही भक्तों के लिए मंदिर खोल दी गई है। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। कृष्ण जनमाष्टमी के ठीक 15 दिन बाद राधाष्टमी मनाया जाता है। इस दिन राधा रानी का अवतरण दिवस होता है। जन्म इसलिए नहीं कहेंगे क्योंकि कहते हैं कि भगवान का जन्म और कर्म दोनों ही दिव्य होता है। इसलिए हम कहते हैं कि राधा रानी का अवतरण दिवस है। उनका अवतरण दिन में हुआ था, इसलिए राधा रानी का ठीक 12 बजे सहस्त्र नदी के जल और दक्षिणावर्ती शंख से महाभिषेक किया गया। इसके बाद राधा रानी की आरती उतारी गई। फिर राधा रानी पर कथा और कीर्तन किया जाएगा। इसके बाद 2 बजे से भक्तों के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था की गई है, जिसमें छप्पन भोग शामिल हैं। राधा रानी को छप्पन भोग लगेगा। इसमें अरबी की सब्जी प्रमुख है, क्योंकि राधा रानी को अरबी की सब्जी बहुत पसंद है। इसलिए राधा अष्टमी के दिन छप्पन भोग में अरबी की सब्जी रहेगी ही। राधा रानी भगवान की तीन शक्ति हैं, जिसमें अंतरंगा, बहिरंगा और तटस्था शामिल है। ऐसे में राधा रानी भगवान की अंतरंग शक्ति हैं। इसलिए हम लोगों के लिए जितना जन्माष्टमी महत्वपूर्ण है, उतना ही राधा अष्टमी भी। लोग राधे-राधे तो करते हैं, लेकिन उन्हें यह भी जानना चाहिए कि राधा कौन थी और कहां से आई और क्यों आई। बिना राधा तत्व के जाने कोई भी कृष्ण को प्राप्त नहीं कर सकता है। इसलिए राधा रानी की लीला का व्याख्यान किया जाएगा।
इस्कॉन में राधाष्टमी को लेकर सुरक्षा का भी रखा गया विशेष ध्यान
राधा अष्टमी पर भक्तों की भीड़ को लेकर भी हर तरह की तैयारी की गई है। इसके साथ ही साथ ही सुरक्षा की भी कड़े इंतजाम किए गए हैं । नंद गोपाल दास ने बताया कि जो भी भक्त आएंगे वह अच्छे से राधा रानी के दर्शन करके जाए यह हमारी कोशिश रहेगी। प्रसाद भी सभी भक्तों को दी जाएगी। कोशिश है की पूरे सुचारू रूप से राधा अष्टमी का पर्व इस्कॉन पटना में मनाया जाए।