विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर महावीर कैंसर संस्थान द्वारा जन जागरण अभियान

  • शराबबंदी की तर्ज पर बिहार में तंबाकू पर लगे कड़ाई से प्रतिबंध पटना पटना

पटना(अजीत)। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर पटना के महावीर कैंसर संस्थान में जन जागरण कार्यक्रम का आयोजन कर आम जनता को कैंसर से बचने के उपायों के बारे में प्रचार प्रसार किया गया। महावीर कैंसर संस्थान इस कार्यक्रम में संस्थान के पास बड़ी संख्या में जुटे आम लोगों ने भी कैंसर को हराने का संकल्प लिया और तंबाकू व तंबाकू जनित पदार्थों से तौबा करने की हामी भरी। वही इस कार्यक्रम में बिहार सरकार से शराबबंदी के तर्ज पर तंबाकू पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त काले कानून बनाए जाने की मांग की गई। बताया गया की तम्बाकू के सेवन के कारण पूरे विश्व में सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर भारत में पाये जाते हैं, सिगरेट या बीड़ी का कश जिन्दगी का एक-एक मिनट कम करता चला जाता है। हमारा देश विश्व का दूसरा सबसे बड़ा तम्बाकू उत्पादक देश है। लगातार प्रयास करते रहने की जरूरत है तथा तम्बाकू के विरूद्ध एक व्यापक अभियान चलाये जाने की आवश्यकता है। कैंसर की चिकित्सा के साथ-साथ कैंसर की रोकथाम की दिशा में भी महावीर कैंसर संस्थान अहम भूमिका का निर्वाह कर रहा है। कैंसर रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों ने आमजन के उमड़ी भीड़ को बताया की साथ-साथ तम्बाकू से पर्यावरण पर काफी असर पड़ता है। साथ ही अपील करते हुए कहा गया की तम्बाकू के घातक प्रभाव को स्वयंसेवी संस्थाओं और मीडिया को जन-जन तक पहुंचाना चाहिये ताकि उसके घातक प्रभाव को जानकर लोग तम्बाकू से परहेज करें। वही कैंसर से पीड़ित मरीजों एवं उनके अभिभावकों ने प्लेकार्ड पर तम्बाकू से होने वाली बीमारियों के बारे में प्रदर्शन किया। वही महावीर कैंसर संस्थान के चिकित्सा निदेशक एवं किमोथेरेपी विभाग की प्रमुख डॉ. मनीषा सिंह ने कहा कि 21 वीं सदी में मानवता का सबसे बड़ा शत्रु तम्बाकू ही माना जाता है। आज दुनियाँ में सबसे ज्यादा मौते तम्बाकू सेवन से ही हो रही है। दुनिया में जितने लोग अल्कोहल, कोकीन, हिरोइन, होमीसाइड, आत्महत्या, सड़क दुर्घटना, गोली बन्दूक, एड्स से मरते हैं, यदि इन सबको मिला दिया जाए, तो इससे कहीं ज्यादा लोग तम्बाकू के सेवन से अकेले मरते देखे जा रहे हैं। वही उन्होंने कहा कि तम्बाकू एवं इससे बने उत्पादों के प्रयोग से होनेवाली बिमारियों के बारे में जानते हुए भी लोग तम्बाकू का उपयोग करते जा रहे हैं यह अत्यंत गम्भीर स्थिति है।

उन्होंने आगे कहा कि क्या आपको ज्ञात है पूरे विश्व में महिलाओं में स्मोकलेस टुबैको के प्रचलन में बंगलादेश के बाद भारत दूसरे स्थान पर है। उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए डॉ. सिंह ने लोगों को तम्बाकू अथवा तम्बाकू से बने उत्पादों को त्यागने की शपथ दिलायी। संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एल. बी. सिंह ने कहा कि बिहार सरकार से आग्रह किया कि शराबबंदी की तरह तम्बाकू मुक्त बिहार बनाने के लिए जन जागरण के साथ सख्त कानून बनायें, ताकि लाखों लोगों को कैंसर जैसे गंभीर बीमारी होने से बचाया जा सकता है। वही उन्होंने कहा कि इस बार विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की थीम हैवी नीड फुड, नोट टोबैको। उन्होंने कहा सरकार अपने स्तर से हर संभव उपाय कर रही है किन्तु इस कार्य में समाज के हर वर्ग के लोगों को सम्मिलित प्रयास करने की जरूरत है। वही लोगों को शिक्षित करने की जरूरत है कि किस प्रकार एक छोटा सा तम्बाकू या तम्बाकू से बने उत्पाद कहर ढा रहा है और फिर इसके कारण कैंसर जैसे रोग की चपेट में आकर वे अपना एवं अपने परिवार को संकट में डाल देते हैं। वही इस संस्थान के निदेशक प्रशासन डॉ. बी. सन्याल ने बताया कि बच्चें तम्बाकू नहीं लें इसके लिये पाठ्यक्रम में तम्बाकू के दुष्परिणाम को शामिल करना चाहिये। वही NGO सोशल एक्टिविस्ट को मिलाकर एक मुहिम एक आन्दोलन का रूप देना चाहिये तभी देश में तम्बाकू मुक्ति का संदेश एक साथ जायेगा। वही इस अवसर पर सैकड़ों कैंसर मरीजों के साथ-साथ संस्थान के वरीय चिकित्सक डॉ. विनीता त्रिवेदी, डॉ. रीता रानी, डॉ. ऋचा चौहान, डॉ. उषा सिंह सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे जिसमें मरीज एवं मरीजों के परिजनों भी शामिल थे।

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