प्रशांत किशोर ने जन सुराज को बनाया राजनीतिक दल: पूर्व आईएफएस मनोज भारती बने पहले कार्यवाहक अध्यक्ष, स्थायी अध्यक्ष का चुनाव मार्च में
पटना। प्रशांत किशोर, जो देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार हैं, ने गांधी जयंती के अवसर पर पटना के वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में अपनी राजनीतिक पार्टी, ‘जन सुराज’ की औपचारिक शुरुआत की। पिछले 2-3 वर्षों से चल रहे जन सुराज अभियान को अब चुनाव आयोग द्वारा मान्यता मिलने के बाद यह एक राजनीतिक दल बन चुका है। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रशांत किशोर ने बिहार के लोगों को ‘जय बिहार’ का नारा देते हुए संबोधित किया और कहा कि बिहार के लोगों को अपनी आवाज इतनी बुलंद करनी चाहिए कि इसे पूरे देश में सुना जाए, खासकर उन जगहों पर जहां बिहारी छात्रों के साथ दुर्व्यवहार होता है। प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी की मूल सोच और लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी पार्टी बिहार में एक नई व्यवस्था की शुरुआत करेगी। इस व्यवस्था के तहत बच्चों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, युवाओं को रोजगार के लिए आर्थिक मदद, और बुजुर्गों को ₹2000 प्रति महीने का पेंशन देने का वादा किया गया है। उन्होंने इसे सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक विचारधारा के रूप में प्रस्तुत किया, जिसका उद्देश्य बिहार को फिर से ‘ज्ञान का केंद्र’ बनाना है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने हमेशा जाति और धर्म को देखकर वोट दिया है, लेकिन अब समय आ गया है कि वे अपने बच्चों और राज्य के विकास के लिए वोट करें। अपने भाषण में प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तीखे हमले किए, खासकर शराबबंदी और भूमि सर्वेक्षण के मुद्दों पर। उन्होंने वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनी, तो शराबबंदी कानून को एक घंटे के भीतर रद्द कर दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शराबबंदी से जो राजस्व सरकार को मिलेगा, उसे बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए उपयोग किया जाएगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रशांत किशोर की यह नई पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में प्रमुख गठबंधनों, जैसे कि ‘इंडिया’ और ‘एनडीए’, के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। जन सुराज पार्टी का उभार बिहार की राजनीति में नए समीकरण और संभावनाओं को जन्म दे सकता है, खासकर उस राज्य में जहां जाति और धर्म पर आधारित राजनीति का हमेशा बोलबाला रहा है। प्रशांत किशोर ने अपने भाषण के अंत में लोगों से अपील की कि वे एक बार अपने बच्चों और राज्य के विकास के लिए वोट करें, ताकि बिहार एक बार फिर से प्रगति और विकास के रास्ते पर अग्रसर हो सके।
पूर्व आईएफएस मनोज भारती बने जन सुराज के पहले कार्यवाहक अध्यक्ष, स्थायी अध्यक्ष का चुनाव मार्च में
जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने हाल ही में जन सुराज पार्टी के गठन और उसके कार्यवाहक अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया। पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में हुई इस घोषणा के दौरान उन्होंने मनोज भारती को पार्टी के एक्टिंग प्रेसिडेंट के रूप में पेश किया। मनोज भारती मधुबनी जिले के निवासी हैं और दलित समुदाय से आते हैं। उनका पेशेवर अनुभव काफी व्यापक है, वे भारतीय विदेश सेवा (IFS) के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। प्रशांत किशोर ने इस अवसर पर कहा कि जब उन्होंने राजनीति में खुद को सक्रिय नेता के रूप में सामने नहीं रखा, तब कई लोगों ने सवाल उठाए कि उनके जैसे काबिल व्यक्ति का विकल्प कैसे मिलेगा। इस पर प्रशांत ने मनोज भारती की काबिलियत की प्रशंसा की और कहा कि वे उनसे भी अधिक योग्य हैं। प्रशांत किशोर ने खुद के बारे में कहा कि वे आईआईटी या आईएफएस में नहीं गए, जबकि मनोज भारती ने ये मुकाम हासिल किए हैं। इस घोषणा से यह स्पष्ट हुआ कि जन सुराज पार्टी अपने नेतृत्व में विविधता और योग्यता को महत्व दे रही है, खासकर दलित समुदाय से आने वाले एक नेता को प्रमुख भूमिका सौंपकर। प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि पार्टी के स्थायी अध्यक्ष का चुनाव अगले साल मार्च में होगा। हालांकि पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि प्रशांत किशोर दलित समुदाय से किसी को अध्यक्ष बना सकते हैं, फिर भी इस घोषणा ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। पीके ने यह भी कहा था कि जब उनके पार्टी अध्यक्ष का नाम सामने आएगा तो लोग चौंक जाएंगे, और यह नाम सामने आने के बाद ऐसा ही हुआ। प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रदेश अध्यक्षों के नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब उनकी पार्टी के अध्यक्ष की तुलना अन्य दलों के अध्यक्षों से की जाएगी, तो उनकी योग्यता और अनुभव देखकर सभी गर्व महसूस करेंगे। इस कदम से यह भी संकेत मिलता है कि जन सुराज पार्टी बिहार की राजनीतिक संरचना में एक नया अध्याय जोड़ने की तैयारी में है, जहां योग्यता और सामाजिक संतुलन को प्राथमिकता दी जाएगी।