आखिर क्या रिश्ता है भाजपा और अडानी के बीच और देश की जनता जानना चाहती है : चित्तरंजन गगन

पटना। राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने हिंडनवर्ग के खुलासे के बाद भाजपा द्वारा उधोगपति गौतम अडानी का बचाव किये जाने पर कहा है कि आखिर भाजपा और अडानी के बीच कौन स रिश्ता है जिसे देश की जनता जानना चाह रही है। चुंकि इस खुलासे के बाद देश की जनता के गाढी कमाई का हजारों करोड़ रूपया डूब गया है। जिसे उन्होंने अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए एलआईसी और विभिन्न बैंकों में जमा कराया था। राजद प्रवक्ता ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने में विफल केन्द्र की सरकार द्वारा जहां खाद सब्सिडी में कटौती कर दी गई, मनरेगा, प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना, पीएम किसान योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, मनरेगा, समग्र शिक्षा अभियान जैसे योजनाओं के बजट आवंटन को कम कर गांवों, किसानों, मजदूरों और नौजवानों को दोहरी मार का शिकार बनाया है वहीं दूसरी ओर अडानी जैसे कॉरपोरेट घरानों को बेजा फायदा पहुंचाने के लिए राष्ट्रहित को नजरंदाज करते हुए बैंक कर्ज का 72000 करोड़ रूपया बट्टे खाते (अंडर राईट) में डाल दिया गया जो अप्रत्यक्ष रूप से कर्जमाफी हीं है। एलआईसी और विभिन्न बैंकों के माध्यम से लगभग 80 हजार करोड़ रुपए का कर्ज दिलवाया गया है और बड़े पैमाने पर ऊंची किमतों में अंबानी कम्पनियों के शेयर खरीदे गए हैं। जो आज डूबने की स्थिति में है और एलआईसी के साथ हीं एसबीआई के उपर आर्थिक संकट का खतरा पैदा हो गया है। एक ओर जहां देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आम लोगों की आय में लगातार कमी होती जा रही है वहीं 2014 में विश्व के अमीर लोगों की सूची में 609 वें स्थान पर रहने वाले अडानी 2022 में जबरदस्त छलांग लगाकर दूसरे स्थान पर पहुंच गए। 2014 में जिस अडानी की सम्पत्ति मात्र 8 बिलियन की थी वह 2022 में यानी मात्र 8 वर्षों में 140 बिलियन पहुंच गई। जबकि सबसे आश्चर्य की बात यह है कि देश के टॉप 10 कर दाताओं में अडानी जी का एक भी कंपनी नहीं है।  राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के खिलाफत करने वालों के यहां ईडी, आईटी और सीबीआई जैसी संस्थाएं जहां स्वतः संज्ञान लेकर सक्रिय हो जाती है वहीं इतने बड़े घोटाले के पर्दाफाश होने के बाद भी इन संस्थाओं की चुप्पी काफी आश्चर्यजनक है। शेयर मार्केट का मोनिटरिंग करने वाली संस्था “सेबी” की भूमिका तो और हैरान करने वाली है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि हिंडनवर्ग के खुलासे के अनुसार अडानी ने मॉरीशस जैसे टैक्स हेवन देशों में कई मुखौटा कंपनी खोल रखा है जिसके माध्यम से हेराफेरी कर अडानी ग्रुप के शेयरों के दाम ऊंचे लगाकर मार्केट में अडानी ग्रुप के शेयरों के दाम को वास्तविक दाम से काफी बढा दिया जाता है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि अडानी मात्र एक उधोगपति हीं नहीं हैं बल्कि उनसे देश की आर्थिक व्यवस्था के साथ हीं देश की सुरक्षा और अन्तर्राष्ट्रीय संबंध भी जुड़ा हुआ है। देश के पोर्ट, एअरपोर्ट के अलावा कोयला, बिजली, सड़क, तेल और रेल के साथ हीं रक्षा उपकरण विनिर्माण आदि भी अडानी ग्रुप के हवाले किया जा रहा है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि जिस प्रकार देश के सारे आर्थिक संसाधनों पर कभी ईस्ट इंडिया कंपनी का कब्जा हो गया था आज उसी की पुनरावृत्ति हो रही है और देश के तमाम आर्थिक संसाधनों को एक खास कॉरपोरेट घराने के नियंत्रण में दिया जा रहा है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि अडानी पर हिंडनवर्ग की रिपोर्ट से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है और देश के साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसलिए इस पुरे प्रकरण की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाई जाए। पूर्व में भी बोफोर्स तोप मामले में स्वीडन के एक रेडियो प्रसारण के आधार पर हीं जेपीसी द्वारा जांच करवाई गई थी। भ्रष्टाचार के इतने गंभीर और बड़े मामले में केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक जांच की स्वीकृति नहीं दिए जाने और भाजपा द्वारा खुलकर अडानी का बचाव किए जाने से भाजपा आज स्वयं कटघरे में खड़े हो गई है। इसलिए देश की जनता यह जानना चाहती है कि आखिर भाजपा और अडानी के बीच कौन सा रिश्ता है ? यदि कोई गड़बड़ी नहीं है तो फिर जेपीसी जांच करवाने से केन्द्र की सरकार क्यों भाग रही है ? इस प्रेस कॉंफ्रेस में प्रदेश प्रवक्ता, एजाज अहमद एवं सारीका पासवान भी उपस्थित थे।

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