पटनावासियों के लिए सरप्राइज,अब खरगोश का गोश्त भी चखने को मिलेगा,पटना एवं हरियाणा के संस्थानों के द्वारा संयुक्त रूप से ‘रैबिट मीट फेस्टिवल’ का आयोजन होगा

पटना।पटना वासियों के लिए एक सरप्राइज खबर है। बहुत जल्द पटना के लोगों को ‘रैबिट मीट’ यानी खरगोश के गोश्त का टेस्ट मिलेगा।पटना ही नहीं पूरे बिहार के लिए एक नया नॉनवेज आइटम है। प्रियदर्शी रैबिट ब्रीडिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर तथा आशियाना रैबिट फार्म के संयुक्त तत्वावधान आगामी 2 दिसंबर को पटना में रैबिट मीट फेस्टिवल का आयोजन किया गया है।मतलब की एक ऐसा भोजनोत्सव जहां खरगोश का गोश्त लोगों को चखने के लिए मिलेगा।
प्रियदर्शी रैबिट ब्रीडींग एण्ड ट्रेनिंग सेंटर पटना की संस्थान है वहीं आशियाना रैबीट फ़ार्म हरियाणा की है। दोनों के संयुक्त कार्यक्रम के तहत आगामी 2 दिसंबर को मीट फेस्टिवल का आयोजन किया गया है। संस्थान के संचालक राघवेंद्र प्रसाद ने बताया कि खरगोश का मीट खाने से कई प्रकार के रोगों से मुक्त हुआ जा सकता है। विश्व के कई हिस्सों में खरगोश के मीट को बड़े चाव से बेहतर स्वास्थ्य के लिए खाया जाता है।बिहार के लिए यह एक नई पहल है। उन्होंने बताया कि वे राजधानी पटना में पिछले एक वर्षों से रैबिट फार्म का संचालन कर रहे हैं।जो कि स्वरोजगार के दृष्टिकोण से आज के युवाओं के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।खरगोश पालन कई मायनों में अन्य जीव पालन के तुलना में बेहतर है। उन्होंने बताया कि उनके संस्थान के सौजन्य से बिहार के कई स्वयं सहायता समूह को भी खरगोश पालन हेतु संसाधन एवं सुविधा मुहैया कराई गई है।
संस्थान के संचालक राघवेंद्र प्रसाद ने बताया कि खरगोश के मीट में कोलेस्ट्रॉल तथा वसा की मात्रा बहुत कम होती है। सामान्य मीट,मछली तथा मुर्गा की तुलना में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए ज्यादा लाभदायक होता है। उन्होंने बताया कि फ्रांस दुनिया का सबसे बड़ा और खरगोश के मीट का उत्पादक और उपभोक्ता देश है
। वहीं हंगरी में सिर्फ इटली को निर्यात करने के लिए 10,000 से अधिक खरगोश का उत्पादन किया जाता है।

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