PATNA : 23 माह का कचरा संग्रह शुल्क एक साथ वसूलेगा निगम, गोबर से तैयार होगी जैविक खाद

पटना। पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू की अध्यक्षता में मंगलवार को सशक्त स्थायी समिति की बैठक हुई। बैठक में महापौर सीता साहू ने अक्टूबर 2018 से अब तक 23 माह का डोर टू-डोर-कूड़ा उठाव शुल्क एक साथ वसूलने की अनुमति प्रदान की।
बैठक के बाद नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने बताया कि राजधानी में दो अक्टूबर 2018 से घरों से कचरा संग्रह हो रहा है। निगम के सभी वार्ड पार्षदों और अधिकारियों को भी पिछले 23 महीने का कचरा उठाव शुल्क एक साथ एक हफ्ते के अंदर जमा करने को कहा गया है। घरेलू कचरे के लिए प्रत्येक किचेन से 30 रुपये, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से 100 रुपये और रेस्टोरेंट के लिए 500 रुपये प्रति महीने की दर निर्धारित है।
नगर आयुक्त ने बताया कि 30 सितंबर के बाद गीला-सूखा कचरा एक साथ नहीं लिया जाएगा। अगर लोग जहां-तहां कचरा फेंकेंगे तो उनपर सख्ती होगी। पाटलिपुत्र, नूतन राजधानी और बांकीपुर अंचल में फिलहाल अलग-अलग कचरा संग्रह प्रारंभ हो गया है। लोग अपने घरों में सूखा और गीला कचरा अलग-अलग डस्टबिन में रखने लगे हैं। आयुक्त ने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत छह माह के अंदर हर घर के गेट पर क्यूआर कोड लग जाएगा। क्यूआर कोड लगाने से जुड़ी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कचरा संग्रह से जुड़ी सभी गाड़ियों में जीपीएस लग जाएगा।
जैविक खाद बनाने का लगेगा प्लांट 
राजधानी की सब्जी मंडियों और बाजार के पास जैविक खाद बनाने का प्लांट लगेगा। इस पर 10 करोड़ खर्च होंगे। जैविक खाद का उत्पादन होगा। शहर से खटाल हटा पाना मुश्किल दिख रहा है। पटनावासी खटाल की गायों का दूध पीना पसंद कर रहे हैं। नगर निगम यहां से गोबर संग्रहित करके बैरिया चक ले जाएगा। गोबर से जैविक खाद तैयार की जाएगी। गीला कचरे से जगह-जगह जैविक खाद बनेगी। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।

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