नीतीश की विपक्षी एकता पर सुशील मोदी का तंज, कहा- यह एक फोटो सेशन और राजनीतिक पर्यटन के अलावा कुछ नहीं

पटना। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से सीएम नीतीश कुमार की मुलाकात पर राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केवल चर्चा में बने रहने के लिए नीतीश कुमार एक ऐसे समय में विपक्षी एकता का प्रयास करते दिखते रहने चाहते हैं। नीतीश कुमार की दिल्ली, कोलकाता या लखनऊ की यात्रा राजनीतिक पर्यटन और फोटो सेशन के सिवा कुछ नहीं है। यदि समय काटने के लिए कोई मेंढक तौलने का मजा लेना चाहता है, तो उसे कोई नहीं रोक सकता। सुशील मोदी ने कहा कि जब शरद पवार अडाणी मुद्दे की हवा निकाल चुके हैं और यहां तक कह चुके कि महाराष्ट्र में महाअघाड़ी गठबंधन के कल का कोई ठिकाना नहीं है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी शून्य से 64 विधायकों और 18 सांसदों की पार्टी बन गई। अब नीतीश कुमार क्या बंगाल में कांग्रेस, माकपा और टीएमसी को एक मंच पर ला सकते हैं? बिहार में टीएमसी नहीं और बंगाल में जब जेडीयू- आरजेडी का कोई जनाधार नहीं है, तब नीतीश-ममता एक-दूसरे की क्या मदद कर सकते हैं। वे सिर्फ साथ में चाय पी सकते हैं और बयान दे सकते हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि यूपी में एक बार दो लड़के (राहुल-अखिलेश) मिलकर बीजेपी को हराने में विफल रहे तो दूसरी बार बुआ-बबुआ (बसपा-सपा) मिल कर लड़े। दोनों बार एकजुट विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सामने टिक नहीं पाया। 2019 के संसदीय चुनाव में बीजेपी को उत्तर प्रदेश की 80 में से 62सीटें मिलीं, जबकि सपा मात्र 03 सीट पा सकी। बसपा को 10सीट मिली, लेकिन चुनाव बाद बुआ ने बबुआ का साथ छोड़ दिया। क्या नीतीश कुमार काठ की यही जली हुई हांडी फिर से आग पर चढा पाएंगे।

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