मुख्यमंत्री खुद नहीं चाहते है कि बिहार में जातीय गणना हो, इस कारण ही हाईकोर्ट से लगी अंतरिम रोक : उपेंद्र कुशवाहा

पटना। राज्य सरकार को जातीय जनगणना मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय ने पटना हाईकोर्ट की अंतरिम रोक हटाने से इंकार कर दिया है। इस मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनता दल के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह बिहार सरकार की बड़ी विफलता है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से पक्ष भी सही तरीके से नहीं रखी जा सकी। यह सरकार सिर्फ और सिर्फ वोट की राजनीति करना जानती है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह पूरे तौर पर बिहार सरकार की विफलता है। जब यह मामला पटना हाईकोर्ट में गया तब भी सरकार ने तथ्यों को कोर्ट के समक्ष सही तरीके से नही रखा। अगर हाइकोर्ट भी अपना पक्ष सही तरीके से रखती तब निश्चित तौर पर कोर्ट की तरफ से सकारात्मक निर्णय आता। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना मामले को लेकर राज्य सरकार ने जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखाई है। यह सिर्फ और सिर्फ वोट की राजनीति के लिए करने में जुटी है। यही कारण है कि न्यायालय में सही तरीके से पक्ष नहीं रहने के कारण रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने चाहे जिस भी कारण से रोक लगाया हो। इसके लिए सीधे तौर पर राज्य की सरकार दोषी है। साथ ही कहा कि जातीय जनगणना बहुत जरूरी है।

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