नियोजित शिक्षकों के साथ नीतीश सरकार ने किया धोखा, राजद ने फेंका पासा

पटना। राजद ने जहां एक ओर नियोजित शिक्षकों को नीतीश सरकार के द्वारा दिए गए तोहफा को धोखा करार दिया है, लगे हाथ राजद ने नियोजित शिक्षकों को लुभाने के लिए पासा भी फेंक दिया है।
राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों के साथ धोखा किया है। बिहार में नियोजित शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए राज्य सरकार ने सेवा शर्त कमिटि का गठन 2015 में किया था। जिसे तीन माह में सेवा शर्त का काम पूरा करना था, लेकिन वर्षों बाद शिक्षकों एवं शिक्षा को दरकिनार करते हुए नई सेवा शर्त नियमवाली को पारित कर दिया। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लिए इस प्रकार का निर्णय केवल चुनावी लॉलीपॉप है, साथ हीं नियोजित शिक्षकों के लिए सरकार की दोहरी नीति का परिचायक भी। राजद नेता ने कहा कि सरकार ने चुनावी लॉलीपॉप देकर शिक्षकों के साथ छलावा किया है। सरकार ने न तो उन्हें राज्यकर्मी की दर्जा दिया और न ही सहायक शिक्षक का दर्जा और न ही पूर्ण वेतनमान का लाभ ही दिया है। सरकार द्वारा सेवा शर्त निर्धारण में आरटीई, एनसीटीई, संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का खुल्लम खुला उल्लंघन किया गया है। देश के किसी भी महिला कर्मी को 2 साल के शिशु देखभाल अवकाश और किसी भी कर्मी के ग्रेजुएटी जैसे संवैधानिक लाभ से भी वंचित किया गया है। पुरुष शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण से वंचित रखा गया है।
प्रदेश प्रवक्ता ने आगे  कहा कि राजद नेतृत्व शिक्षकों की मांगों के साथ खड़ी है और राजद की सरकार बनेगी तो नियोजित शिक्षकों को अन्य राज्यकर्मियों के समान ही सारी सुविधाएं दी जायेगी। राजद का स्पष्ट मानना है कि समान काम के लिए समान वेतन और समान सेवा शर्त होनी चाहिए।

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