नई दिल्ली से लौटे CM नीतीश, बोले- जातीय जनगणना पर सर्वसम्मति से लेंगे निर्णय, तीन कृषि कानून पर कुछ खास बोलने का औचित्य नहीं
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नई दिल्ली प्रवास से वापसी के बाद शुक्रवार को पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून बनाये थे। यह केंद्र सरकार का निर्णय था। आज प्रधानमंत्री ने खुद ही अगले सत्र में इसे वापस लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने बहुत ही स्पष्टता के साथ अपनी बातें रख दी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्होंने किसानों के हित में ये तीनों कृषि कानून पारित किये थे लेकिन लोगों को इस संबंध में समझा नहीं पाए। इसलिए इस कानून को वापस लिया जा रहा है। इसमें कुछ खास बोलने का कोई औचित्य नहीं है।
उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के सवाल पर सीएम नीतीश ने कहा कि इसके बारे में कौन, क्या बोलता है मालूम नहीं। सब अपनी-अपनी बातें बोलते रहते हैं लेकिन आज तीनों कृषि कानूनों के बारे में प्रधानमंत्री जी ने स्वयं अपनी बातें रख दी हैं। सबको अपनी बात कहने का अधिकार है। विपक्ष को भी अपनी बातें रखने का अधिकार है।
जातीय जनगणना पर सर्वसम्मति से निर्णय लेंगे
दिल्ली में लालू यादव के जातीय जनगणना के वक्तव्य पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने क्या कहा, हमें मालूम नहीं है। उनसे अभी हमारी कोई बातचीत नहीं होती है। जातीय जनगणना को लेकर उनकी पार्टी के नेता और उनके पुत्र तेजस्वी यादव समेत अन्य दूसरे लोगों ने हमसे मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री से भी हमलोगों ने इस मुद्दे पर मुलाकात की थी। जातीय जनगणना के मुद्दे पर केन्द्र ने निर्णय स्पष्ट कर दिया है। उसके बाद हमलोगों ने भी बहुत साफ साफ कह दिया है कि आपस में हम सब बैठक कर इस पर निर्णय लेंगे। तेजस्वी यादव ने जो चिट्ठी लिखी थी, वह उनकी पार्टी की तरफ से आया हुआ है और वह चिट्ठी रखी हुई है। हम सब एक साथ सर्वसम्मति से इस पर निर्णय लेंगे।
कुछ लोग मेरे इस फैसले के खिलाफ
बिहार में पूर्ण शराबबंदी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग मेरे इस फैसले के खिलाफ हैं और धंधेबाज चाहते हैं कि शराबबंदी कानून विफल हो जाए। हम तो प्रारंभ से ही कहते रहे हैं कि हर आदमी एक विचार का होगा, यह संभव नहीं। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने सात घंटे तक बैठक कर एक-एक चीजों पर चर्चा की। शुरूआती दौर में इसके लिए जो नियम-कानून बनाये हैं इसके अलावा लगातार अभियान भी चलाते रहे हैं। हमलोगों ने अलग-अलग समय पर नौ बार इसकी समीक्षा भी की है और जितनी बातें कही गयीं उन सब चीजों पर चर्चा की गयी। इसके बारे में हमने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि पूरे तौर पर आप काम करिए। लॉ एंड आर्डर और अपराध के खिलाफ जैसी कार्रवाई होती है, उसी तरह इस पर भी पूरी सक्रियता के साथ कार्रवाई करनी है। इसके लिए फिर से व्यापक अभियान चलाएंगे।