नीतीश कुमार को जरूरत पड़ी तो में भाजपा में होंगे शामिल, पीके ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी पर भी कसा तंज

पू. चम्पारण। बिहार में जन सुराज पदयात्रा के 54वें दिन गुरुवार को हरसिद्धि में प्रशांत किशोर ने एक बड़ा ऐलान किया। वही उन्होंने कहा कि जन सुनवाई के लिए हर प्रखंड में जन सुराज नागरिक सहायता केंद्र खोला जाएगा। जन सुराज अभियान से जुड़े सदस्य इसके माध्यम से समाज की मदद कर सकेंगे। कहा की इस काम के लिए पूरी प्रक्रिया होने में 1- 2 माह का वक्त लगेगा। वही गायघाट पर पत्रकारों से बात करते हुए पीके ने कहा कि पदयात्रा के दूसरे चरण में अगर लोगों की सहमति हुई तो मिलकर दल बनाएंगे। वही उन्होंने कहा की दल किसी एक व्यक्ति, परिवार, किसी जाति विशेष का न होकर सभी लोगों का होगा। पश्चिमी चंपारण की तर्ज पर पूर्वी चंपारण में भी जिला अधिवेशन किया जाएगा। पीके ने 54वें दिन पदयात्रा की शुरुआत गायघाट पंचायत में सर्वधर्म प्रार्थना से शुरू की। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से शुरू पदयात्रा बरहरवा, बेहरुपिया, जयसिंह मौजे, जयसिंहपुर, खेरवा, बैचू टोला जयसिंहपुर, चैनपुर, तुरकौलिया होते हुए सुगौली के लिए प्रस्थान कर गया।
तेजस्वी यादव की व्यक्तिगत कोई पहचान नहीं
वही मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों पर निशाना साधा। कहा कि पिछले 30 सालों से हम नीतीश कुमार और लालू यादव की सरकार देखते रहे हैं। तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए प्रशांत बोले कि चाचा-भतीजा में भतीजे की व्यक्तिगत पहचान केवल इतनी है की वे लालू यादव के बेटे हैं। तेजस्वी यादव ने शिक्षा, खेलकूद या अन्य कोई सामाजिक कार्य या किसी भी क्षेत्र में ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसका संज्ञान लिया जाए। जिस जंगलराज को खत्म करने के नाम पर नीतीश कुमार यहां काम कर रहे हैं उसी को फिर पीछे के दरवाजे से घुसाने की कोशिश कर रहे हैं।
नीतीश कुमार को जरूरत पड़ी तो एक मिनट में भाजपा में होंगे शामिल
वही प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर राजनीतिक परिस्थितियां बदली तो नीतीश कुमार को बदलने में देर नहीं लगेगी। आपको याद दिला दे की साल 2015 में नीतीश कुमार ने सदन में कहा था- मैं मिट्टी में मिल जाऊंगा, लेकिन BJP में नहीं जाऊंगा और 2 साल बाद वे बिना किसी वजह से BJP में चले गए। 2015-16 में जिस तरह खिड़की अरुण जेटली थे, ठीक उसी तरह राज्यसभा अध्यक्ष हरिवंश नारायण सिंह के माध्यम से वे BJP के संपर्क में है। अगर भविष्य में नीतीश कुमार को जरूरत पड़ी तो उन्हें गठबंधन बनाने और BJP में शामिल होने में 1 मिनट भी नहीं लगेगा। नीतीश कुमार की बस एक ही प्राथमिकता है कि मैं मुख्यमंत्री बना रहा हूं, बाकी राज्य में जो चलता है वह चलता रहे।

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