पारस HMRI हॉस्पिटल में नि:शुल्क कोक्लियर इम्प्लांट इलाज की सुविधा,बोल और सुन नहीं पाने वाले बच्चों का होगा मुफ्त इलाज

पटना। पारस HMRI हॉस्पिटल में सुनने और बोलने में असहाय बच्चों के लिए अब कोक्लियर इम्प्लांट की सुविधा मुफ्त में उपलब्ध है। पारस HMRI हॉस्पिटल ने हंस फाउंडेशन के साथ मिलकर यह मुहिम शुरू की है। इसके तहत 4 साल से कम उम्र के वैसे बच्चे जो सुन नहीं सकते या इसके कारण बोल नहीं पाते उनका कोक्लियर इम्प्लांट नि:शुल्क किया जा रहा है। पारस HMRI हॉस्पिटल के सीनियर ईएनटी कंसल्टेंट डॉ. अभिनीत लाल ने बताया कि कोक्लियर इम्लांट में बच्चों के कान में एक विशेष मशीन लगाई जाती है। जिससे उनके सुनने की क्षमता विकसित होती है। कोक्लियर इम्लांट से जुड़ी सर्जरी काफी संवेदनशील होती है। इसे बहुत ही साफ-सुथरे माहौल में और आधुनिक तकनीक के जरिए किया जाता है। इसके लिए पारस HMRI हॉस्पिटल बिल्कुल उपयुक्त जगह है। कोक्लियर इम्लांट में जितनी जरूरी सर्जरी है उतना ही जरूरी सर्जरी के पहले और बाद की थेरेपी है। इसके लिए पारस HMRI हॉस्पिटल जैसे आधुनिक सुविधा वाले अस्पताल ही अच्छी थेरेपी उपलब्ध करा पाते हैं। वही उन्होंने बताया कि बेरा टेस्ट के जरिए इस बीमारी का पता चल जाता है।

हम मरीजों के परिजनों को सलाह देते हैं कि बीमारी का पता चलने के बाद जितनी जल्दी हो सके उनका इलाज शुरू करा दें। अमूमन देखा जाता है कि एक से चार साल तक के बच्चों का ब्रेन ज्यादा तेजी से विकसित होता है। ऐसे में इलाज इसी उम्र के बीच में हो तो ज्यादा फायदेमंद होता है। वही इस मुहिम के बारे में बात करते हुए पारस HMRI हेल्थकेयर के रिजनल डाइरेक्टर डॉ. सुहाष अराध्य कहते हैं कि हम चाहते हैं कि बिहार में ज्यादा से ज्यादा बच्चे इस बीमारी से दूर हों। इसलिए चाहे वह समाज के सबसे गरीब तबके से ही क्यों न आते हों, वह यहां इलाज करा सकते हैं। वही उन्होंने कहा कि पारस HMRI हॉस्पिटल बिहार में और भी कई अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। लेकिन यह बिहार में पहली बार हुआ है कि बच्चों को कोक्लियर इम्लांट  मुफ्त में किया जा रहा हो। वे कहते हैं कि हम अपने हॉस्पिटल में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। ताकि बिहार के लोगों को इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़े।

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