बीजेपी के लिए प्रचार करने के बाद भी एनडीए के नहीं हुए चिराग, कहा- पीएम से मिलने के बाद लूंगा अंतिम फैसला
पटना। बिहार की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान बीजेपी के लिए प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को मोकामा में बीजेपी प्रत्याशी सोनम देवी के पक्ष में रोड शो किया। हालांकि, चिराग पासवान ने साफ किया कि वे अभी एनडीए में नहीं है। इस महीने बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ बात होगी। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करने के बाद ही एनडीए और सरकार में शामिल होने पर फैसला होगा। इससे पहले लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के अन्य नेताओं से मुलाकात की। शाह से मिलने के बाद उन्होंने मोकामा और गोपालगंज में बीजेपी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने का फैसला लिया। चिराग रविवार को दिल्ली से पटना पहुंचे, इसके बाद सोमवार को मोकामा में रोड शो किया। वही चिराग पासवान एनडीए में नहीं हैं, मगर खुलेआम बीजेपी का प्रचार कर रहे हैं। हालांकि इस बात की पूरी संभावनाएं हैं कि वे लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में आ जाएंगे। क्योंकि बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद से चिराग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे नीतीश कुमार वाले गठबंधन में कभी नहीं जाएंगे। ऐसे में चिराग पासवान के पास एनडीए में वापसी का ही विकल्प बचा है।
जानकारी के अनुसार, लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद 2020 में चिराग पासवान एनडीए से अलग हो गए थे। उनके पिता रामविलास पासवान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री थे। रामविलास के निधन के बाद उनकी विरासत को लेकर चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच जंग छिड़ गई। लोजपा टूटकर दो गुटों में बंट गई। इसके बाद पशुपति पारस गुट के पास सांसदों का बहुमत होने की वजह से उसकी एनडीए में जगह बनी रही। पशुपति केंद्रीय मंत्री बन गए और चिराग ने एनडीए छोड़ दी। 2020 का विधानसभा चुनाव चिराग पासवान ने एनडीए से अलग रहकर लड़ा, लेकिन उसमें भी उनका बीजेपी प्रेम छलका। बीते चुनाव में भी उन्होंने बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ अपनी पार्टी से प्रत्याशी नहीं उतारे थे।