दिल्ली से ज्यादा जहरीली हुई मुजफ्फरपुर की हवा, लोगों का सांस लेना हुआ मुश्किल

मुजफ्फरपुर, बिहार। मुजफ्फरपुर में प्रदूषण स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वर्तमान मानक से 27 गुना अधिक है। दो माह पहले सितंबर में डब्ल्यूएचओ की ओर से नए मानक तय किए गए हैं। इसके मुताबिक 24 घंटे में 15 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पीएम 2.5 की मात्रा अधिकतम 15 होनी चाहिए। मुजफ्फरपुर में यह 400 से ऊपर है। डब्ल्यूएचओ ने दो साल पहले ही मुजफ्फरपुर को दुनिया के 20 प्रदूषित शहरों में एक बताया था। इधर, शहर की हवा में जहर की मात्रा कम होने का नाम नहीं ले रही है। नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स में प्रदूषण के मामले में मुजफ्फरपुर फिर दिल्ली से आगे निकल गया है। मंगलवार को दिल्ली के आनंद विहार में हवा में पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा 356 मिली, जबकि मुजफ्फरपुर में अधिकतम मात्रा 402 पर पहुंच गई।

शहर की हवा में पीएम 2.5 की मात्रा लगातार अधिक रहने से लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो रही हैं। मुजफ्फरपुर सिवरेस्ट पॉल्युशन जोन में हैं। इसका खामियाजा पीढ़ियों को भुगतना पड़ सकता है। वही इन्वायरमेंटल रिसर्च जर्नल के मुताबिक हवा में पीएम 2.5 की मात्रा काबू में रहे तो असामयिक मौतें 80 फीसदी कम हो सकती हैं। कम्युनिटी हेल्थ विशेषज्ञ शहर के डॉ. गोपाल कृष्ण ने जर्नल की रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदूषण से बच्चों के फेफड़े का विकास रुक जाता है। वे तरह-तरह के रोगों से ग्रसित होते हैं, लेकिन कारण पता नहीं चल पाता। वायु प्रदूषण गर्भस्थ शिशुओं को भी प्रभावित करता है।

About Post Author

You may have missed