मोर दुष्कर्म कांड: पुलिस पर उठ रहे सवालिया निशान
पटना/बाढ़। मोर रेप कांड में अभियुक्तों को प्रशासन द्वारा संरक्षण देने के विरोध में बाढ़ अनुमंडल में धरना का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को बाढ़ राजद का समर्थन दिया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार दुसाध महासंघ के अध्यक्ष सतेन्द्र पासवान और संचालन भाई विमल ने किया। मौके पर राजद के पंचायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुरेन्द्र यादव, राजद बाढ़ के अध्यक्ष राजीव कुमार चुन्ना, बहादुर पासवान, राकेश तांती, नरेन्द्र पासवान, भोला चंद्रवंशी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।
बता दें कि मोकामा के मोर गांव में विगत दिनों घटी पिछड़ी जाति के बालिकाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना बाढ़ पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। लोग पुलिस के कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतने दिन गुजर जाने के बावजूद पुलिस के हाथ खाली क्यों है? आखिर पुलिस दुष्कर्मीयों को गिरफ्तार अब तक क्यों नहीं कर पाई है? राजनीतिक पार्टियों ने इस पूरे घटना को राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। सोमवार को दुसाध महासभा ने बाढ़ में मोर दुष्कर्म कांड के आरोपियों की अविलंब गिरफ्तारी को लेकर धरना दिया। इसके पूर्व राजद ने पटना में महाधरना आयोजित कर सरकार पर करारा हमला किया था और आरोप लगाया था कि उक्त घटना सत्ता पोषित लोगों ने अंजाम दिया है। यही कारण है कि पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। यहां तक की पीड़िता के कपड़े भी घटना के तूल पकड़ने के कुछ दिन के बाद पुलिस द्वारा फॉरेंसिक लैबोरेट्री में भेजा गया, जो अपने आप में बड़ा सवाल है।
मिली जानकारी के अनुसार उक्त दुष्कर्म कांड में सत्ता से जुड़े नेताओं के करीबियों के नाम सामने आने के बाद पुलिस मामले को दबाने का काम कर रही है। कुछ माह पूर्व जलगोविंद दुष्कर्म कांड में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को 12 घंटा के भीतर गिरफ्तार कर जेल भेजने का कार्य किया था। उससे लोगों में पुलिस के प्रति काफी विश्वास जगा था, परंतु मोर दुष्कर्म कांड में जिस तरह से अगड़ी जाति के आरोपितों को बचाने का खेल खेला जा रहा है, उससे पुलिस के प्रति लोगों का जगा विश्वास मटियामेट होते दिख रहा है।
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