मणिपुर में तीन उग्रवादियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, हथगोले समेत हथियार बरामद

इंफाल। मणिपुर में लगातार चल रहे तलाशी अभियानों के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इंफाल पश्चिम जिले और टेंग्नौपाल जिले में चलाए गए दो अलग-अलग अभियानों में पुलिस ने तीन सक्रिय उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है, जो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्रियों की भी बरामदगी हुई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इंफाल पश्चिम जिले के उरीपोक खोइसनम लेइकाई क्षेत्र से प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (पंबेई) के दो सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। इन उग्रवादियों पर जबरन वसूली जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। पूछताछ में उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिन्हें लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। एक अन्य सफलता इंफाल पश्चिम जिले के सेकमई क्षेत्र से मिली, जहां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के एक सक्रिय सदस्य को किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया। उसकी गिरफ्तारी से पुलिस को इस संगठन की हालिया गतिविधियों और उसके नेटवर्क की विस्तृत जानकारी मिलने की संभावना जताई जा रही है। इस बीच, टेंग्नौपाल जिले के टी मिनौ गांव, जो भारत-म्यांमार सीमा के समीप स्थित है, वहां सुरक्षा बलों ने बृहस्पतिवार को एक और तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान दो संदिग्धों से एक AK-56 राइफल, एक इंसास राइफल, छह आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस), दो हथगोले और अन्य हथियार बरामद किए गए। बरामद हथियारों से जाहिर होता है कि सीमाई इलाकों में उग्रवादी गतिविधियों की आशंका अब भी बनी हुई है। मणिपुर में वर्ष 2023 से भड़की जातीय हिंसा के बाद से राज्य में सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई थी। मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच जारी संघर्ष में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। लगातार अस्थिरता और हिंसा के चलते राज्य में 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया, जिसका कार्यकाल 2027 तक था। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मणिपुर में सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क और मुस्तैद हैं। राज्य में चल रहे तलाशी अभियान अब और तेज कर दिए गए हैं। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की गिरफ्तारियों से उग्रवादी नेटवर्क को कमजोर करने में सहायता मिलेगी और राज्य में शांति बहाल करने की दिशा में यह एक अहम कदम है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों से पूछताछ कर रही हैं ताकि उनके नेटवर्क, फंडिंग और हथियार आपूर्ति की जानकारी प्राप्त की जा सके। राज्य सरकार और केंद्रीय बलों की यह संयुक्त कार्रवाई मणिपुर को उग्रवाद और हिंसा से मुक्त करने की दिशा में एक ठोस प्रयास मानी जा रही है।
