मनेर के रामपुर गांव में बालू माफियाओं का कहर,ग्रामीणों ने की गांव बचाने के लिए आंदोलन की तैयारी

पटना।राजधानी के मनेर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर गांव बालू माफियाओं के कहर से बुरी तरह उत्पीड़ित हो रहा है। सोन गंगा एवं सरयू नदी के संगम पर बसे इस ऐतिहासिक गांव के बुनियाद से स्थानीय बालू माफियाओं का सिंडिकेट खिलवाड़ कर रहा है। बालू माफियाओं के द्वारा रामपुर गांव के किसानों की जमीन पर से, जो संभवतः नदी क्षेत्र में पड़ती है, से इस कदर अवैध बालू उत्खनन किया जा रहा है कि पूरे गांव के अस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न है।

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन से मिलीभगत करके बालू माफियाओं द्वारा बगैर किसी सरकारी परमिट के रामपुर गांव के सोन तट पर पड़ने वाली उनकी जमीनों से बड़े पैमाने पर अवैध बालू उत्खनन करके करके,बड़े-बड़े तालाब नुमा विशालकाय गड्ढे तक कर दिए गए हैं। बताते चलें कि रामपुर गांव बाढ़ प्रभावित चिन्हित क्षेत्रों में आता है।ऐसे में इस गांव में अवैध उत्खनन करने से गांव में बाढ़ का खतरा स्वभाविक रूप से बढ़ जाता है।स्थानीय ग्रामीणों रंजय सिंह, मुन्ना सिंह, चतरभुज सिंह,समेत सैकड़ो ग्रामीण का कहना है कि अगर प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करती है तो हो सकता है। इसी बार बाढ़ के कारण गांव में भीषण तबाही मच सकती है।ज्ञात हो कि दो वर्ष पूर्व भी रामपुर तौफिर पंचायत में पड़ने वाले इस रामपुर गांव में बाढ़ का कहर जमकर बरपा था। बालू माफियाओं द्वारा स्थानीय क्षेत्र में हथियार के बल पर आम जनों के बीच भय एवं असुरक्षा का माहौल व्याप्त कर दिया गया है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की अवैध उत्खनन का काम करने वाले अपने आप को ब्रॉडसन कंपनी का प्रतिनिधि बताते हैं।हालांकि इसमें कितना सच्चाई है यह तो जांच का विषय है।

बहरहाल स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाते लगाते थक चुकी यहां की जनता अब आंदोलन करने का मूड बना चुकी है गांव के युवाओं का कहना है कि जब गांव का अस्तित्व ही नहीं बचेगा,तो हम भला क्या करेंगे।इसलिए समय रहते अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ ग्रामीण सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार सोन एवं सरयू के तट पर बसे इस ऐतिहासिक गांव में किया जा रहा अवैध उत्खनन पर्यावरण नियमों की भी घनघोर अवहेलना है।

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