PATNA : ‘पेड़ हमने खुद काटे और हम बोतल में आक्सीजन ढूंढ रहे हैं’

  • आपदा आधारित चित्र प्रदर्शनी व परिचर्चा का आयोजन

पटना। विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर सामाजिक संस्था गूंज द्वारा राजधानी पटना के गांधी संग्रहालय में आपदा आधारित चित्र प्रदर्शनी व परिचर्चा का आयोजन किया गया। वहीं एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट में ‘जलवायु परिवर्तन: एक सामाजिक आपदा’ विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई। जिसमें आपदा प्रबंधन के जानकार और रिटायर्ड आईएएस व्यास जी मिश्रा, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजीव हंस, मशहूर चिकित्सक एए हई, कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव दीपक आनंद व रमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित एवं गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता ने बतौर वक्ता इस विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अंशु गुप्ता ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए हमारा अपना व्यक्तिगत योगदान मायने रखता है। उन्होंने कहा कि पेड़ हमने खुद काटे और हम बोतल में आक्सीजन ढूंढ रहे हैं। अगर हमें बदलाव चाहिए तो इसकी शुरूआत हमने अपने घर से करनी होगी। वहीं रिटायर्ड आईएएस व्यास जी ने कहा कि किसान किसी का भाषण नहीं सुनना चाहते हैं, आज की जरूरत है कि हम उनको सुने। ये जानने की आवश्यकता है उनको क्या चाहिए। हम सच कहे तो अगली पीढ़ी के भविष्य को हम नजरअंदाज कर रहे हैं। संजीव हंस ने कहा कि जमीनी स्तर का ज्ञान और हमारी चीजों को परंपरागत तरीके से देखने का नजरिया लंबे समय तक के लिए कारगर होता है। सोलर लाइट को हम हम एक समाधान के तौर पर देख सकते हैं। जबकि इस पैनल के दूसरे वक्ता मशहूर चिकित्सक एए हई ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि कुरान में भी इस बात का जिक्र है कि हम चीजों की अहमियत को नजरअंदाज कर रहे हैं और उनका आभास हमें तब होता है जब वो हमसे दूर चली जाती है।
इस परिचर्चा में करीब तीन सौ से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अंत में व्यास जी ने अंशु गुप्ता की आपदा आधारित चित्र प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन किया। यहां पिछले तीस वर्षों के दौरान आयी आपदाओं को करीब से देखने व समझने का मौका मिलेगा। ये चित्र प्रदर्शनी 22 से लेकर 24 अप्रैल तक चलेगी।

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