PATNA : पारस अस्पताल में एएसएसआई के तहत लाइव स्पाइन सर्जरी वर्कशॉप आयोजित

  • दो लोगों के स्पाइन की हुई नि:शुल्क सर्जरी

पटना। पटना में चल रहे एसोसिएशन आफ स्पाइन सर्जन आफ इंडिया (एएसएसआई) के 35वें अधिवेशन के तहत पारस एचएमआरआई अस्पताल में लाइव सर्जरी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसके तहत दो मरीजों की रीढ़ (स्पाइन) की सर्जरी की गई। सर्जरी के दौरान उसका सीधा प्रसारण भी किया गया, जिसे देश भर से जुटे स्पाइन सर्जन और स्पाइन सर्जरी के विद्यार्थियों ने लाइव देखा। दोनों सर्जरी का प्रायोजक पारस अस्पताल द्वारा किया गया। वर्कशॉप की अध्यक्षता अस्पताल के हड्डी रोग विभाग हेड डॉ. जॉन मुखोपाध्याय द्वारा की गई।
वर्कशॉप के दौरान एक 49 और दूसरे 29 साल के मरीज की सर्जरी की गई। 49 साल की महिला चलने या ज्यादा देर खड़े रहने में सक्षम नहीं थी। मरीज की नस पर लगातार पड़ रहे दबाव को रीढ़ की हड्डी के क्षतिग्रस्त अंश पर केज इम्प्लांट करके ठीक किया गया, जिसके लिए एक छोटा सा चीरा किया गया। इस सर्जरी को ओएलआईएफ कहा जाता है। इस सर्जरी को डॉ. अमित झाला और डॉ. आयुष शर्मा द्वारा किया गया, जिसमें करीबन ढाई घंटे का समय लगा।
वहीं 29 वर्षीय मरीज जो कि खुद एक डॉक्टर हैं, की नस पर लगातार दबाव से डिस्क बाहर आ गई थी, जिससे उसके पैर में भी लगातार दर्द था। इसके लिए इंडोकोपिक डिस्केक्टोमी की गई। ये सर्जरी डॉ. सुकुमार सूरा और डॉ. अरुण भनोट द्वारा की गई। स्पाइन सर्जन डॉ. गौतम आर. प्रसाद ने बताया कि दोनों मरीज सर्जरी के बाद अब बिल्कुल स्वस्थ हैं और उन्हें डिस्चार्ज भी दे दिया गया है। इन दोनों सर्जरी का सजीव प्रसारण किया गया, जिसे देश और प्रदेश के 70 विशेषज्ञ डॉक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट ने देखा।
स्पाइन की सर्जरी जटिल, लेकिन तकनीक ने बना दिया आसान
डॉ. गौतम ने बताया कि स्पाइन या रीढ़ का आपरेशन जटिल होती है। लेकिन तकनीक में लगातार हो रहे उन्नति ने अब इसे काफी आसान बना दिया है। अब स्पाइन सर्जरी में रिस्क कम हो गया है और सफलता की दर भी बढ़ गई है। अब बड़ी-से-बड़ी सर्जरी छोटा चीरा लगा कर की जा रही है, जिससे मरीजों को काफी फायदा हो रहा है।

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