PATNA : जीएन पुस्तकालय सह संग्रहालय सचिव का निधन से हुई अपूर्णनीय क्षति, SDM सहित सैकड़ों बुद्धिजीवियों ने अर्पित किया श्रद्धांजलि

पटना,दुल्हिन बाजार। गुरुवार की रात प्रखण्ड क्षेत्र के भरतपुरा गांव स्थित देश के 7वें सबसे बड़े गोपाल नारायण सार्वजनिक पुस्तकालय सह संग्रहालय के सचिव ध्रुपद नारायण सिंह की निधन इलाज के दौरान पटना स्थित IGIMS अस्पताल में हो गया। जिनकी पार्थिव शरीर शुक्रवार को पैतृक गांव भरतपुरा पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। वही पालीगंज SDM मुकेश कुमार व चिकित्सक डॉ. श्यामनन्दन शर्मा सहित सैकड़ों अन्य बुद्धिजीवियों ने श्रद्धांजलि दिया। प्राप्त सूचना के अनुसार एक माह पूर्व से ही ध्रुपद नारायण सिंह की तवियत कुछ खराब चल रही थी। वही इसके बावजूद भी संस्था से जुड़कर सचिव के पद पर योगदान देते हुए उन्होंने संस्था के विकास कार्यो से जुड़े रहे व पर्यटकों के साथ समय बिताते रहे। जबकि स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद भी पिछले 12 दिसम्बर को पुस्तकालय सह संग्रहालय की स्थापना दिवस समारोह में भाग लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराया। जब स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने लगी तो कुछ दिनों पूर्व परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए पटना निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां स्वास्थ्य में सुधार नही होते देख परिजनों ने दो दिनों पूर्व पटना स्थित IGIMS अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया। जहां उन्होंने गुरुवार की रात अंतिम सांसे ली। उनकी निधन की सूचना मिलते ही प्रखण्ड क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। वही शुक्रवार को उनकी शव को भरतपुरा गांव पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।

ध्रुपद नारायण सिंह की निधन की सूचना पाकर भरतपुरा गांव पहुंचकर पालीगंज एसडीएम मुकेश कुमार, चिकित्सक डॉ. श्यामनन्दन शर्मा, सुमेर सिंह व अशोक सिंह सहित सैकड़ों बुद्धिजीवियों ने ध्रुपद नारायण सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया। बता दे कि ध्रुपद नारायण सिंह का जन्म सन 1935 में दुल्हीन बाजार प्रखण्ड क्षेत्र के भरतपुरा गांव में एक जाने माने जमींदार परिवार में हुई थी। जिनके माता का नाम नगीना देवी व पिता का नाम रघुराज नारायण सिंह था। वही इनकी बचपन की शिक्षा गांव में ही हुई। उसके बाद उन्होंने पढ़ने के लिए पटना गए। जहां इन्होंने पाटलीपुत्रा विश्वविद्यालय से इंटर व पटना विश्ववद्यालय से ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त किया था। वही दादा गोपाल नारायण सिंह द्वारा 12 दिसम्बर 1912 में स्थापित पुस्तकालय सह संग्रहालय की जिम्मेदारी सम्हाली। बाद में पुस्तकालय सह संग्रहालय की बढ़ती लोकप्रियता को देख बिहार सरकार उसे अपनी निगरानी में ले लिया। साथ ही जिलाधिकारी को स्थायी अध्यक्षता में इसकी देख रेख के लिए एक कमिटी के गठन किया गया। वही कमिटी के सचिव ध्रुपद नारायण सिंह को बनाया गया। जिनके कार्यकाल में संस्था का विकास इतनी अधिक हुई कि फिलहाल सर्वे के अनुसार इस संग्रहालय सह पुस्तकालय का स्थान पूरे देश मे सांतवां है। जबकि ध्रुपद नारायण सिंह आजीवन सचिव पद का निर्वहन करते हुए 87 वर्ष की आयु में 30 दिसम्बर 2022 को इस दुनिया से विदा हो गए।

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