भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद जयंती पर राजकीय कार्यक्रम आयोजित, सीएम ने दी श्रद्धांजलि

  • कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मीडिया से बनाई दूरी, पत्रकारों को नहीं मिली एंट्री

पटना। भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री स्व. मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर शनिवार को श्रीकृष्ण स्मारक भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्व. मौलाना अबुल कलाम आजाद जी के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर बिहार विधान परिषद् के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर, वित्त, वाणिज्य कर सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर, विधि मंत्री शमीम अहमद, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद डॉ. खालिद अनवर सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी स्व। मौलाना अबुल कलाम आजाद जी के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा भजन-कीर्तन, बिहार गीत एवं देशभक्ति गीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मीडिया से बनाई दूरी, पत्रकारों को नहीं मिली एंट्री
दलित नेता व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को सदन में तू-तड़ाक करने को लेकर भी नीतीश कुमार विवादों में घिर गए हैं। विधानसभा में सेक्स ज्ञान की खबर न सिर्फ बिहार बल्कि देश-दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। हाल के दिनों में जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बयान दे रहे हैं, या फिर अपनी गतिविधि दिखा रहे, उससे उनकी भारी फजीहत हो रही। ऐसा नहीं कि मुख्यमंत्री खेमे की तरफ से अपने नेता की भद्द पिटने से बचाने की कोशिश नहीं की जा रही, फिर भी मुख्यमंत्री खबर बन जा रहे हैं। हालांकि अब नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया गया है। अब यही कोशिश है कि नीतीश कुमार का मीडिया से सामना कम से कम हो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर आयोजित राजकीय समारोह में शिरकत करने एसकेएम हॉल पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में मंत्री विजय चौधरी, जदयू के वरिष्ठ नेता छोटू सिंह ने भी शिकरत किया। अब तक राजकीय समारोह कवरेज के लिए मीडिया की इंट्री रहती थी। कार्यक्रम में शामिल होकर नीतीश कुमार इन दिनों मीडिया से बात भी करते रहे हैं। लेकिन इस बार मीडिया को नजदीक जाने से ही रोक दिया गया। पोर्डियम को भी हटा दिया गया। ऐसा इस डर से किया गया कि कहीं सीएम नीतीश पत्रकारों को देख कर उधऱ न चल नहीं जाएं या फिर पत्रकारों को बुला नहीं लें। लिहाजा पूरे राजकीय समारोह में मीडिया को दूर कर दिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो सुरक्षाकर्मियों ने मीडिया को आगे बढ़ने से रोक दिया। कहा गया कि पत्रकारों को आगे नहीं जाना है। ऊपर से आदेश है कि आपलोग यहीं रहें। हम कुछ नहीं कह सकते हैं। इस तरह से मीडिया बैन के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजकीय समारोह में शिरकत कर वापस लौट गए। वही इन दिनों मुख्यमंत्री हर जगह यह कहते फिर रहे कि हम मीडिया की स्वतंत्रता के हिमायती हैं। केंद्र सरकार ने मीडिया पर कब्जा कर लिया है। हमलोग आयेंगे तो मीडिया आजाद हो जाएगी। बिहार जहां खुद नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री हैं। उनके ही कार्यक्रम में मीडिया को रोक दिया जा रहा। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि मीडिया को लेकर सत्ताधारी दलों के अंदर क्या चल रहा है।

About Post Author

You may have missed