बिहार इस साल कालाजार मुक्त प्रदेश का हासिल कर लेगा लक्ष्य

* 32 जिलों के कालाजार प्रभावित चिह्नित गांवों में कराया गया सिंथेटिक पायरोथायराइड दवा का छिड़काव
* पहले चरण में 5 अप्रैल से 60 दिनों तक चला छिड़काव का कार्य, अक्टूबर में चलेगा दूसरा चरण
* कालाजार उन्मूलन से बचे सारण का इसुवापुर और सिवान का गोरियाकोठी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र


पटना। बिहार इस साल कालाजार मुक्त प्रदेश बन जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश के 32 जिलों के सर्वाधिक कालाजार प्रभावित चिह्नित गांवों में बालू मक्खी के प्रभाव को कम करने के लिए चरणबद्ध ढंग से सिंथेटिक पायरोथायराइड दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। पहले चरण में 5 अप्रैल से लगातार 60 दिनों तक दवा का छिड़काव कराया गया। दूसरा चरण अक्टूबर में प्रारंभ होगा।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रदेश में महज दो ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही बच गए हैं, जहां से कालाजार का उन्मूलन होना है। जिनमें सारण का इसुवापुर और सिवान जिला का गोरियाकोठी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है। इसको लेकर विभाग विशेष रणनीति पर कार्य कर रहा है। कालाजार के प्रसार को समाप्त करने के लिए उक्त बीमारी के संभावित मरीजों की खोज और समय पर इलाज कराना महत्वपूर्ण होता है, इसलिए अति प्राथमिकता वाले चिह्नित गांवों में संभावित मरीजों की खोज कालाजार ब्लाक कोआॅर्डिनेटर (केबीसी), कालाजार टेक्निकल सुपरवाइजर (केटीएस), की इन्फॉर्मर (केआई) और आशा कार्यकर्ताओं ने किया।

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