काल भैरव की करें पूजा, होगी सभी मनोकामनाएं पूरा

मघा नक्षत्र एवं वैधृति योग के युग्म संयोग में कल मनेगी काल भैरव जयंती

पटना। आज मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी को भगवान शिव के स्वरूप माने जाने वाले काल भैरव देव की जयंती मनाई जाएगी। काल भैरव अष्टमी को कालाष्टमी भी कहा जाता हैं। कालाष्टमी के दिन शिव शंकर के इस रूप का जन्म हुआ था। भैरव का अर्थ है भय को हरने वाला, इसीलिए ऐसा माना जाता है कि कालाष्टमी के दिन जो भी व्यक्ति कालभैरव की पूजा करने से भय का नाश होता है। कालाष्टमी के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और काल भैरव की पूजा करनी चाहिए। आज यह जयंती मघा नक्षत्र और वैधृति योग के युग्म संयोग में मनाई जाएगी।

कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि भैरव जी की विशिष्टता प्राचीन समय से कायम है। देश के प्राय: सभी क्षेत्रों में श्री भैरव की पूजा होती है। भैरव देवीतीर्थ में हैं, तो शिवधाम में भी हैं। भैरव बड़े-बड़े राजप्रासादों, चौक-चौराहे व नगर प्रवेश द्वार पर हैं। वहीं हरेक गांव-टोले में विराजमान सप्तमातृका देवी स्थान में भी भैरव की पूजा पिंडी रूप में अवश्य होती है। भगवान शिव के क्रोधावतार, देवी के पहरुआ, कालों के काल महाकाल भैरव की लोकप्रियता शैव, शाक्त व वैष्णव, तीनों संप्रदायों में समान रूप से है। ऐसे तो भैरव की आराधना रोज होती है, पर वर्ष में एक बार मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी को भैरव जयंती मनाई जाती है।

काल भैरव की पूजा से भय नाश

ज्योतिषी पंडित राकेश झा ने नारद पुराण के हवाले से बताया कि कालभैरव की पूजा करने से मनुष्‍य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मनुष्‍य किसी रोग से लम्बे समय से पीड़ित है तो वह रोग, तकलीफ और दुख भी दूर होती हैं। ये पूजा रात में की जाती है। कष्ट से मुक्ति और संकट के निदान में भैरव साधना तुरंत फलदायी होता है। व्यक्ति भैरव जयंती को भैरव का व्रत रखता है, पूजन या उनकी उपासना करता है वह समस्त कष्टों से मुक्त हो जाता है। भगवान काल भैरव अपने भक्तों के कष्टों को दूर कर बल, बुद्धि, तेज, यश, धन तथा मुक्ति प्रदान करते हैं। कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के रूप काल भैरव की आराधना की जाती है। पंडित झा के अनुसार काल भैरव की पूजा रात में करना ज्यादा फलदायी होता है। इस दिन जप, पाठ और हवन आदि करने से मृत्यु तुल्य रोग-कष्ट भी दूर होते हैं। पंडित झा ने बताया कि इस दिन भगवान काल भैरव के मंदिर में जाकर दर्शन करने से मनुष्य जीवन किये गए किसी भी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते है।

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