मुख्यमंत्री का विवादित बयान उनके शारीरिक और मानसिक थकावट को दर्शाता है, अब वे इस्तीफा देकर आराम करें : आरसीपी सिंह

नालंदा। विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण पर सीएम नीतीश के बयान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री ने बिल्कुल अभद्र, अश्लील और अमार्यादित भाषा का इस्तेमाल किया है। ये बयान जाहिर करता है कि नीतीश बाबू शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं रह गए हैं। विगत एक सप्ताह में मुख्यमंत्री जी का रूटीन देख लीजिए। सुबह 9:00 बजे से उठकर वह कहां और किन लोगों से मिल रहे हैं। तेजस्वी यादव के बयान पर समर्थन करने पर उन्होंने कहा है कि तेजस्वी को सीएम को घर बुलाकर अपने माता पिता के सामने ये ज्ञान लेना चाहिए। अब उनके लिए मुख्यमंत्री के पद पर बने रहना 1 मिनट के लिए भी उचित नहीं है। जितने बिहार के लोग बिहार में या बिहार के बाहर हैं। यह बयान देखने के बाद कितनी शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जो बयान दे रहे थे वह कोई बच्चों का क्लास रूम या मित्र मंडली के बीच में नहीं बोल रहे थे। वे सदन में बोल रहे थे और सदन की अपनी एक गरिमा होती है। वहीं तेजस्वी के द्वारा मुख्यमंत्री के बयान के समर्थन देने पर आरपीसी ने कहा कि अगर तेजस्वी जी को लगता है कि उन्होंने बढ़िया बयान दिया है तो मुख्यमंत्री जी को घर पर बुलाएं और अपने माता-पिता के समक्ष उनसे इस प्रकार के जितने भी प्रकार के सेक्स एजुकेशन के बातें हैं वो मुख्यमंत्री जी से बुलवायें। जातीय जनगणना को लेकर आर्थिक रिपोर्ट जो पेश की गई है उस पर आरपीसी ने कहा कि बिहार पहले एक बिहार के रूप में जाना जाता था। नीतीश कुमार ने 215 टुकड़ों में बिहार को बांट दिया। नीतीश कुमार के मुंह से यह बातें सुनने में अच्छी नहीं लगती है कि इबीसी की आबादी, ओबीसी की आबादी, सामान्य वर्ग की आबादी इतनी है। नीतीश कुमार पहले जमात की बात करते थे, देश की बात करते थे और आज आप पूरे बिहार का विभाजन कर चुके हैं।

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