बिहार बोर्ड में मैट्रिक और इंटर परीक्षा के लिए जारी की गाइडलाइन, अभ्यर्थियों को इन नियमों का करना होगा पालन

पटना। मैट्रिक और इंटर परीक्षा शुरू होने के डेढ़ घंटे बाद ही परीक्षा कक्ष छोड़ने की अनुमति परीक्षार्थियों को मिलेगी। तीन घंटे की परीक्षा में परीक्षार्थी वस्तुनिष्ठ प्रश्न का उत्तर देने के बाद ही कक्षा के बाहर पानी पीने या शौचालय जा सकेंगे। बिहार बोर्ड की मानें तो चूंकि वस्तुनिष्ठ प्रश्न के उत्तर के लिए ओएमआर उत्तर पत्रक दिए जाते हैं। ऐसे में छात्र ओएमआर को जब भर लेंगे तभी जरूरत पड़ने पर वे परीक्षा हॉल के बाहर जा सकते हैं। अगर डेढ़ घंटे के अंदर किसी परीक्षार्थी को प्यास लगेगी तो उन्हें सीट पर ही पानी उपलब्ध करया जाएगा। इस बाबत बोर्ड द्वारा सभी परीक्षा केंद्रों को जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा। ज्ञात हो कि इंटर की परीक्षा एक से 11 फरवरी और मैट्रिक की 14 से 22 फरवरी तक ली जायेगी। परीक्षा हर दिन दो पाली में होगी। प्रथम पाली सुबह 9.30 से 12.45 और दूसरी पाली 1.45 से पांच बजे तक आयोजित की जायेगी। इसमें शुरू के 15 मिनट प्रश्न पत्र पढ़ने को दिये जाएंगे। यानी प्रथम पाली में परीक्षार्थियों के पास 9.45 से 12.45 तक का समय होगा। इसमें 9.45 से 11.15 तक परीक्षार्थी परीक्षा कक्ष से बाहर नहीं निकल पाएंगे। वहीं दूसरी पाली में दो से पांच बजे तक उत्तर लिखने का समय मिलेगा। इसमें दो से लेकर 3.30 बजे तक छात्र परीक्षा हॉल के बाहर नहीं जाएंगे। परीक्षा के पहले बोर्ड द्वारा यह दिशा-निर्देश सभी केंद्राधीक्षकों को भेजा जायेगा।
परीक्षा समाप्त होने के बाद ही केंद्र से बाहर जाने की अनुमति
बोर्ड की मानें तो परीक्षार्थी यदि सारे प्रश्न का जवाब निर्धारित समय से पहले दे देते हैं तो भी उन्हें परीक्षा कक्ष छोड़ने की अनुमति नहीं मिलेगी। समय समाप्त होने बाद जब केंद्राधीक्षकों द्वारा अंतिम घंटी बजाई जायेगी, तभी वह केंद्र के बाहर निकल पाएंगे। बोर्ड द्वारा कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए हर केंद्र पर परीक्षार्थी की पूरी जांच करवायी जाएगी। सबसे पहले मुख्य गेट पर छात्राओं की जांच शिक्षिकाओं द्वारा और छात्र की जांच शिक्षकों द्वारा की जाएगी। जिन केंद्रों पर महिला पुलिस रहेगी, वहां छात्राओं की जांच महिला पुलिस द्वारा की जाएगी। इसके बाद परीक्षा हॉल में अंदर जाने के बाद जांच होगी। परीक्षा हॉल में वीक्षक को भी जांच की जिम्मेदारी दी जाएगी। एक वीक्षक 25 परीक्षार्थी की जांच करेंगे। इसके बाद वीक्षकों को लिख कर देना है कि संबंधित 25 परीक्षार्थी के पास कोई चिट-पुर्जा नहीं है।

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