बिहार में लंबे समय तक नहीं चलेगा महागठबंधन, जल्द होने वाली है बड़ी टूट : प्रशांत किशोर

सीवान। जेडीयू में मचे घमासान के बीच चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के अस्तित्व को लेकर बड़ा दावा कर दिया है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि सात सियासी दलों का महागठबंधन आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले खंड-खंड हो जाएगा। सात दलों का महागठबंधन चलना पूरी तरह से नामुमकिन है,तीन महीनों के भीतर ही खींचतान शुरू हो गई है। पीके ने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद से गलत रास्ता चुना है। अगर कोई गलत रास्ता चुनेगा तो उसका खामियाजा उसे ही भुगतना होगा। 2020 में मुख्यमंत्री बनने से मना किया था लेकिन नीतीश बात नहीं मानें। बिना विधायकों की संख्या के सीएम बनिएगा तो अपमान तो सहना ही पड़ेगा। दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन खंड-खंड हो जाएगा।
सीवान में बोले पीके- नीतीश अगर मेरी बात मान लेते तो आज उन्हें रोज बेइज्जत नहीं होना पड़ता
नीतीश के खास रह चुके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो साल पहले उनकी सलाह मान ली होती तो आज उनका ये हाल नहीं होता। प्रशांत किशोर ने कहा-नीतीश जी ने मेरी सलाह नहीं मानी तो उसका खामियाजा भुगत रहे हैं। अब रोज बेईज्जती बर्दाश्त करनी ही पडेगी। चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर इन दिनों पूरे बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं। पिछले 2 अक्टूबर से शुरू हुई उनकी पदयात्रा लगातार जारी है। इसी क्रम में वे सीवान पहुंचे हैं। सीवान में पत्रकारों ने प्रशांत किशोर से सवाल पूछा कि अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मुख्यमंत्री को दो घंटे इंतजार करा रहे हैं। सीएम के कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दो घंटे बाद पहुंच रहे हैं। जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि अपनी बेईज्जती का रास्ता मुख्यमंत्री ने अपने लिए खुद चुना है। प्रशांत किशोर ने कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। 243 विधायकों में से जेडीयू के सिर्फ 42 विधायक चुन कर आय़े थे। प्रशांत किशोर ने कहा- 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मैंने खुद नीतीश जी मिल कर कहा था कि आप मुख्यमंत्री मत बनिए। आपको बिहार की जनता ने नकार दिया है तो आपको मुख्यमंत्री बनने क्या जरूरत है? और अगर आप मुख्यमंत्री बनेंगे, तो दूसरी पार्टी बड़ा भाई के रोल में रहेगी जिसकी ज्यादा संख्या है। जाहिर है सरकार में उसी पार्टी की चलेगी आपकी नहीं। लेकिन नीतीश कुमार ने मेरी सलाह नहीं मानी। अब उनको ये सब बर्दाश्त करना पडेगा।

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