पटना डेयरी प्रोजेक्ट में दही खाओ इनाम पाओ अनोखी प्रतियोगिता शुरू, 700 से अधिक लोगों का हुआ है रजिस्ट्रेशन

  • दही खाओ इनाम पाओ प्रतियोगिता का काउंट डाउन राउंड शुरू
  • 2 मिनट में सबसे अधिक है खाने वाले को मिलता है दही श्री का खिताब
  • दस सालों से पटना डेयरी प्रोजेक्ट सुधा डेयरी में दही खाओ इनाम पाओ प्रतियोगिता का हो रहा है आयोजन

पटना। वैशाल पाटलिपुत्र दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ से संबद्ध पटना डेयरी प्रोजेक्ट का सुधा डेयरी प्रांगण में पिछले 10 वर्षों से आयोजित हो रहा है अनूठा दही खाओ इनाम पाओ प्रतियोगिता। इस प्रतियोगिता का पहला राउंड बुधवार को पटना डेयरी प्रोजेक्ट प्रांगण में शुरू हो गया है। पटना डेयरी प्रोजेक्ट के एमडी श्री नारायण ठाकुर के मुताबिक करीब 700 से अधिक लोगों का इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन हो चुका है। पटना डेयरी प्रोजेक्ट सुधा के द्वारा वर्ष 2012 से प्रारम्भ की गई दही खाओ ईनाम पाओ प्रतियोगिता का आयोजन मकर संक्रान्ति के बाद इस वर्ष 18 जनवरी को पटना डेयरी प्रोजेक्ट, फुलवारी शरीफ, पटना के प्रांगण में किया जाता है। इस प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु बिहार के अलावा मध्य प्रदेष, उत्तर प्रदेष, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, हैदरावाद एवं दिल्ली के भी प्रतियोगियों द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया जाता है। पीडीपी के एमडी श्रीनारायन ठाकुर ने बताया की इस प्रतियोगिता के लिए महिला, पुरूष एवं वरिष्ठ नागरिक को अलग-अलग श्रेणी में रखा गया है। कोई भी महिला एवं पुरूष जिनकी उम्र 15 वर्ष से अधिक हो, इसमें भाग ले सकते हैं।  प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सभी प्रतिभागी को 2 मिनट का समय दिया जाता है एवं उनके द्वारा दही की अधिकतम मात्रा खाने वाले को क्रमषः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी में विजेता घोषित किया जाता है। एमडी ने बताया कि दही खाओ इनाम पाओ प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य और उससे बने उत्पादों को लोगों के बीच प्रचारित करना है। दुग्ध और दूध से बने अन्य उत्पादों के फायदे को आज आम लोगों के बीच जागरूकता से ही प्रचारित प्रसारित किया जा सकता है आज भी लोगों को सुधा डेयरी के ब्रांड पर इतना भरोसा और विश्वास है कितनी बड़ी संख्या में लोग यहां दही खाओ इनाम पाओ प्रतियोगिता में भाग लेने आते हैं और सबसे ज्यादा इस बार भी बिहार में दूध और दही का मकर संक्रांति के मौके पर विक्रय किया गया है। 3200000 लीटर से अधिक दूध को मकर संक्रांति के मौके पर लोगों के बीच उपलब्ध कराया गया है। गौरतलब हो कि इस अनोखी प्रतियोगिता में कई राउंड प्रतिभागियों को मिलता है सभी रावण समाप्त होने के बाद सबसे अधिक दही खाने वाले को दही श्री का इनाम से नवाजा जाता है। उन्होंने बताया की यह प्रतियोगिता बिहार में पूर्व में गाव में बड़े ही उत्सुकता से आयोजित होता था जिसमें दही, रसगुल्ला एवं अन्य कई दूध उत्पाद का प्रतियोगिता कर लोगों को खाने-पीने में जागरूकता बढ़ाई जाती थी। इसी ग्रामीण परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सुधा ने पिछले 10 साल से इस प्रतियोगिता का आयोजन कराती रही है। हर साल प्रतिभागियों की संख्या बढ़ती जा रही है एवं लोग इस कौतुहलपूर्ण प्रतियोगिता को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं। स्वास्थ्य का खयाल रखते हुए 15 साल से कम उम्र के बच्चों को इस प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाती है। सुधा परिवार पुनः आप सभी पुराने एवं नये प्रतिभागियों को नये वर्ष में नये जोष के साथ इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आमंत्रित करती है।

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