PATNA : गांधी घाट न आकर सीधे गुरुद्वारा जाएगा गंगा विलास क्रूज, रूट चाट में परिवर्तन

पटना। देश की पहली आधुनिक स्वदेशी क्रूज गंगा विलास क्रूज आज पटना पहुंचने वाली है। बता दे की पटना के गांधी घाट पर टूरिज्म विभाग की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। बता दे की स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटकों को लेकर दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा तय करने वाली गंगा विलास क्रूज पटना के गांधी घाट पहुंचने वाली है। वही इसके लिए पटना के गांधी घाट पर गंगा आरती का स्पेशल प्रबंध किया गया है। यह गंगा आरती शनिवार और रविवार को सप्ताह में 2 दिन होती है। हालांकि टूरिज्म विभाग की ओर से आज स्पेशल गंगा आरती का इंतजाम किया गया था। लेकिन ऐसी खबरें सामने आ रही है कि गंगा विलास का रूट बदल दिया गया है। वही घाट पर मौजूद टूरिज्म विभाग के लोगों ने बताया कि उनको गंगा विलास के रूट में बदलाव की कोई खबर नहीं दी गई है।
घाट पर स्पेशल आरती का प्रबंध, लेकिन नहीं पहुंचेंगे पर्यटक
वही बता दे कि 3200 किलोमीटर की रिवर क्रूज यात्रा तय करने वाला गंगा विलास क्रूज यूपी के वाराणसी से सफर शुरू करते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा। वही इस 52 दिनों के इस यात्रा के दौरान आज यह रिवर क्रूज पटना के गांधी घाट पहुंचने वाला था। घाट पर नमामि गंगे की ओर से लोगों ने बताया कि रूट में बदलाव किया गया है। अब यह रिवर क्रूज गांधी घाट ना जाकर दानापुर से सीधे पटना सिटी के गुरुद्वारा जाएगा। हालांकि इस घाट पर मौजूद टूरिज्म विभाग के लोगों ने बताया कि उनको गंगा विलास के रूट में बदलाव की कोई खबर नहीं दी गई है। वे सभी पर्यटकों के लिए स्पेशल गंगा आरती का प्रबंध कराने यहां पहुंचे हैं। उनके द्वारा सभी पर्यटकों के लिए स्पेशल गंगा आरती का प्रबंध किया गया है। बता दे की पटना आने के बाद गंगा विलास सबसे पहले राजधानी पटना के गांधी घाट पहुंचने वाली थी। इसके बाद क्रूज पर सवार सभी सैलानियों के लिए घाट पर वेलकम सॉन्ग और कल्चरल एक्टिविटीज होने वाली था। वही इसके बाद अगले दिन सभी सैलानी पटना के गोलघर और फिर म्यूजियम का भ्रमण करने वाले थे। फिर सभी सैलानी 17 जनवरी को गुरुद्वारा जाने वाले थे। वही इसके बाद 18 जनवरी को 52 विदेशी यात्रियों को लेकर यह क्रूज बिहार के सिमरिया के लिए रवाना होगा।
छपरा में किनारे नहीं आ सका था क्रूज
वही 52 दिनों की यात्रा करने वाला गंगा विलास आज सुबह बिहार के सारण जिला पहुंचा था। डोरीगंज के पास वह पानी कम होने के कारण किनारे तक नहीं पहुंच सका। वही इसके बाद छोटे जहाज की मदद से सभी सैलानियों को नदी किनारे पहुंचाया गया। सभी को जिले के चिरांद तक लाकर महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों का भ्रमण कराया गया।

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