नई नियमावली से भड़का शिक्षकों का आक्रोश : सड़को पर उतरे लाखों शिक्षक अभ्यर्थी, CM व शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका

  • शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की महासंघ गोप गुट ने की निंदा

पटना। महासंघ गोप गुट के महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों एवं शिक्षक अभ्यर्थियों के भविष्य से नए नियम बनाकर खिलवाड़ कर रही है। कुछ दिन पहले एनआईओएस के मुद्दे पर जिले के शिक्षक सड़क पर थे, तो एकबार फिर बिहार सरकार की नीतियों के विरुद्ध शिक्षक सड़क पर उतर गए है। शिक्षा विभाग भी बीच-बीच में ऐसे कारनामे कर जाती है कि शिक्षकों को एवं शिक्षक अभ्यर्थियों को अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है। वही सोमवार को बिहार कैबिनेट के द्वारा नई शिक्षक नियमावली के स्वीकृति दी गई। स्वीकृति देने के साथ ही शिक्षकों के एक नए संवर्ग का गठन किया गया। बिहार के प्रारंभिक से प्लस टू तक के स्कूलों में पहले ही शिक्षकों के कई संवर्ग कार्यरत है और बीच में एक नए संवर्ग का फिर से गठन कर दिया गया। आलम यह है कि अब एक ही छत के नीचे नियमित शिक्षक, स्थानीय निकायों के शिक्षक और अध्यापक कार्य करेंगे। नई नियमावली के आते ही नियोजित शिक्षकों मे आक्रोश फैल गया है, क्योंकि राज्यकर्मी की दर्जा प्राप्त करने की आस लगाए हुए शिक्षक को फिर से परीक्षा देने के उपरांत राज्य कर्मी का दर्जा देने के निर्णय से पूर्व से नियोजित शिक्षकों का आक्रोश भड़क उठा और वे एक बार फिर सड़को पर उतर गए।

वहीं दूसरी ओर टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यार्थी उम्मीद में थे कि महागठबंधन की सरकार घोषणा के अनुरूप शिक्षकों के लाखों रिक्त पद पर उनकी बहाली करेगी लेकिन हुआ ठीक विपरीत। टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी को फिर एक बार नौकरी के लिए परीक्षा लेना अनुचित एवं गलत है। सरकार के निर्णय से हताश होकर पूरे बिहार में शिक्षक अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं। लेकिन, सरकार वार्ता करने के बदले आंदोलनकारी शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर रही है जो बिल्कुल ही गलत है और तानाशाही को दर्शाता है। महासंघ गोप गुट शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की निंदा करती है। सरकार के नई नियमावली से न तो शिक्षक खुश है और न ही शिक्षक अभ्यर्थी। इसलिए महासंघ गोप गुट की मांग है कि जल्द से जल्द नए शिक्षक नियमावली को वापस लिया जाए एवं नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दे तथा टीईटी एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द सरकार नौकरी दें अन्यथा आने वाले दिनों में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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