कोरोना महामारी के कारण बिहार में बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर संकट, अब तक एनटीपीसी के 200 से अधिक कर्मी हो चुके पॉजिटिव

पटना । कोरोना महामारी के कारण बिहार में बिजली आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। बिहार को मुख्य रूप से एनटीपीसी से बिजली मिलती है। एनटीपीसी के पूर्वी क्षेत्र में अब तक 200 से अधिक कर्मी व उनके परिजन संक्रमित हो चुके हैं। अब प्रबंधन के समक्ष सभी बिजली इकाइयों को चलाना चुनौती बनती जा रही है।

सोमवार को एनटीपीसी की बाढ़ थर्मल इकाई में आधे दर्जन कर्मी संक्रमित पाए गए। उनकी स्थिति बेहद नाजुक बताई जा रही है। प्रबंधन बिहार सरकार से आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में लगा रहा। चूंकि सभी कर्मी बिजली घर के आॅपरेशन यानी उत्पादन कार्य से जुड़े हुए हैं। ऐसे में उनका जल्द ठीक होना जरूरी है। ऐसे में प्रबंधन ने यह भी तय किया है कि जरूरी हो तो कर्मियों को हेलीकॉप्टर से दिल्ली, मुंबई या कहीं और ले जाकर इलाज कराया जाएगा।

एनटीपीसी के एक वरीय अधिकारी के अनुसार बिजली घर को चलाने के लिए एक शिफ्ट में कम से कम दो दर्जन कर्मियों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में अगर कोई एक कर्मी भी कोरोना संक्रमित हो जा रहा है तो उनके साथ पूरी टीम को आइसोलेट करना पड़ रहा है। इसके अलावा परिजनों में अगर कोई कोरोना संक्रमित हो रहे हैं तो वैसे कर्मी काम पर नहीं आ पा रहे हैं। इस कारण एनटीपीसी की अधिकतर इकाइयों में कम कर्मचारी से ही काम हो रहा है। वहीं कई कर्मी दो पाली में लगातार काम कर रहे हैं। एनटीपीसी के समक्ष कर्मियों के लिए आॅक्सीजन की समस्या भी है। बिहार सरकार के संबंधित अधिकारियों की ओर से अपेक्षित मदद नहीं मिलने के कारण एनटीपीसी अपने कोरोना संक्रमित कर्मियों के इलाज के लिए भी जूझ रहा है।

गौरतलब है कि बिहार को सबसे अधिक बिजली एनटीपीसी से ही मिलती है। एक दिन में औसतन अगर 5000 मेगावाट बिजली बिहार को मिल रही है तो उसमें से केवल एनटीपीसी की भागीदारी 4600 मेगावाट से अधिक होती है। ऐसे में अगर किसी कारण एनटीपीसी की कोई इकाई बन्द हुई तो बिहार सहित झारखंड और बंगाल को बिजली देना नामुमकिन हो जाएगा।

सोमवार को एनटीपीसी ने बिहार सरकार को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि बिहार के छह उत्पादन इकाइयों से एनटीपीसी 6810 मेगावाट बिजली उत्पादन करता है। इसकी 70 फीसदी बिजली बिहार में ही खपत होती है। कर्मियों को कोरोना से बचाने के लिए एनटीपीसी को रेमडेसिविर दवा की जरूरत है। सरकार उच्च प्राथमिकता के तौर पर एनटीपीसी को यह दवा उपलब्ध कराए।

कोरोना की जद में बिजली कंपनी के कर्मचारी भी आ रहे हैं। बिहार को बिजली मिल मिल जाए तो इसे आपूर्ति सुनिश्चित करना भी आने वाले दिनों में परेशानी भरा कदम साबित हो सकता है। बिहटा के आॅपरेटर के कोरोना संक्रमित हुए जिस कारण सोमवार को ग्रामीण इलाके में दिनभर बिजली गुल रही। जमुई के इंजीनियर भी कोरोना की चपेट में आ गए। जनरेशन के एक आलाधिकारी भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। एक एमडी भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।

कंपनी के अधिकारियों की माने तो आॅपरेटर से लेकर इंजीनियर तक कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। इस कारण बिजली आपूर्ति करने में भी परेशानी हो रही है। हालांकि कंपनी प्रबंधन इस प्रयास में लगातार जुटा है कि किसी भी स्तर पर बिजली आपूर्ति बाधित ना हो। इसके लिए रोस्टर के अनुसार कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है।

 

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