चाचा की मदद को चिराग ने नकारा, कहा- उन्होंने मेरे सर से अपना हाथ हटाया था, अब मुझे जरूरत नहीं

पटना। चाचा पशुपति पारस के बैकफुट पर आने के बावजूद भतीजे चिराग पासवान के मन से कड़वाहट खत्म होती नहीं दिख रही है। यही वजह है कि चिराग अभी भी पारस के साथ रिश्ते सुधारने के लिए बिल्कुल भी इंटरेस्टेड नहीं हैं। चिराग ने चाचा ने ही मुझे घर-परिवार से निकालकर बाहर फेंक दिया था, लिहाजा अब मैं इन चीजों से काफी आगे निकल चुका हूं। हाजीपुर लोकसभा सीट से एनडीए प्रत्याशी चिराग पासवान ने अपनी जीत का दावा किया है। चिराग ने हाजीपुर लोकसभा के कई क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान चाचा से मिलने वाले संभावित आशीर्वाद की बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि उन्होंने आशीर्वाद का हाथ मेरे सिर से क्यों हटा लिया, यह मुझे नहीं पता। मुझे घर और परिवार से निकाल कर बाहर कर दिया, इसका कारण मुझे नहीं पता था? क्या कारण था कि आप लोग बार-बार पूछते थे चिराग पासवान के साथ कोई समझौता हो सकता है? तब उनका (पारस) बार-बार कहना कि -सूरज पश्चिम से निकल जाएगा लेकिन चिराग से मेरा कोई रिश्ता नहीं रहेगा। चिराग ने कहा कि परिवार एक होने के बात पर उनका (चाचा) नेवर नेवर कहना मुझे नहीं पता। यह सारी बातें सारी घटना क्यों घटी? अगर मैं उनका सगा बेटा होता तो क्या इसी तरीके से मुझे निकाल कर बाहर करते।  बहरहाल मैं अभी इन चीजों से बहुत बाहर निकल चुका हूं। मेरी लड़ाई बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की लड़ाई के साथ आगे बढ़ना है। तमाम चीजों को पीछे छोड़ चुका हूं। आज की तारीख में प्रधानमंत्री जी को 40 की 40 सीटें जीत कर देनी है। चिराग पासवान ने बिना नाम लिए हुए चाचा पशुपति कुमार पारस जमकर निशाना साधा।  उन्होंने कहा कि हाजीपुर को विकास के कार्यों में काफी निराशा हुई है लेकिन वह प्राथमिकता देंगे। पिछले 5 वर्षों में लोगों को थोड़ी निराशा हुई है लेकिन उनकी पूरी कोशिश होगी कि फिर से लोगों का भरोसा बहाल करें। चिराग ने कहा कि मेरे पिता रामविलास पासवान ने लंबे समय तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। ऐसे में उम्मीद है कि मुझे भी लोगों का उतना ही प्यार मिलेगा।

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