रवियोग व हस्त नक्षत्र के युग्म संयोग में चैत्र पूर्णिमा शनिवार को, स्नान-दान की महत्ता

पटना। हिन्दू धर्मावलंबियों के पवित्र चैत्र मास व नए वर्ष की प्रथम पूर्णिमा शनिवार को हस्त नक्षत्र के साथ हर्षण योग व रवियोग के युग्म संयोग में मनायी जाएगी। दक्षिणी संप्रदाय के लोग हनुमान जयंती का पर्व मनाएंगे। भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर ग्रह-गोचरों का युग्म संयोग बना है। पूर्णिमा हस्त नक्षत्र, हर्षण योग, बव करण के साथ अति पुण्यकारी रवियोग का भी संयोग बना है। ऐसे उत्तम संयोग में देवकृत्य करने से पराक्रम, ऐश्वर्य, यश में वृद्धि होगी क आज दक्षिणात्यमत के श्रद्धालु हनुमान जन्मोत्सव का पर्व भी मनाएंगे।
आचार्य राकेश झा के मुताबिक चैत्र पूर्णिमा व हनुमान जन्मोत्सव के पावन पर्व पर सनातन प्रेमियों के घरो में हनुमान चालीस, बजरंग बाण, सुंदरकांड आदि का पाठ किया जाएगा। वहीं भगवान विष्णु के उपासक सत्यनारायण प्रभु की कथा-पूजा कर शंख एवं घंटी बजाएंगे। इसके ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा का ह्रास होता है तथा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। उन्नति व खुशहाली के मार्ग प्रशस्त होंगे। हिन्दू धर्मावलंबी पवन पुत्र हनुमान को तेल-सिंदूर का लेप, लाल पुष्प, लाल वस्त्र, यज्ञोपवीत, ध्वज दान, रोट प्रसाद, पान-सुपारी अर्पण करेंगे।
इस स्तुति से होगी हनुमत प्रार्थना
अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेहम् दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्य क सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम् रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥ (श्रीरामचरितमानस, सुन्दरकाण्ड) अर्थात अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत के समान कान्तियुक्त शरीरवाले, दैत्यरूपी वन के लिए अग्निरूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, संपूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथ जी के प्रिय भक्त पवन पुत्र श्री हनुमान जी को मैं प्रणाम करता हूँ।

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