छपरा में फिर शुरू हुआ जहरीली शराब से मौत का सिलसिला, चाचा भतीजे की गई जान

पटना। बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला जारी है। नए साल में भी छपरा में जहरीली शराब का कहर रूकने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हुई है। वहीं तीन लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। छपरा के तरैया थाना क्षेत्र के शाहनवाजपुर में जहरीली शराब पीने से पहले तो भतीजा की जान गई, फिर दूसरे दिन चाचा मनोज साह की भी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि 1 जनवरी को चाचा-भतीजे ने एक पार्टी में दोस्तों के साथ शराब पी थी। जिसके बाद दोनों की तबीयत बिगड़ने लगी और इलाज के दौरान चाचा और भतीजे दोनों की मौत हो गई। दरअसल एक साथ 6 लोग नया साल में एक पार्टी में दोस्तों के साथ शराब का सेवन किया था। जिसके बाद एकाएक सभी की तबीयत बिगड़ने लगी और एक के बाद एक की मौत हो गई। मौत के बाद पुलिस प्रशासन के भी कान खड़े हो गए हैं। पुलिस माइकिंग कराकर जहरीली शराब का सेवन ना करने के लिए लोगों से अपील कर रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब भी जहरीली शराब से लोगों की मौत होती है तभी पुलिस प्रशासन की नींद खुलती है, और जांच करना भी शुरू कर देती है। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में शराब की बिक्री धड़ल्ले से चल रही है। लेकिन पुलिस प्रशासन लीपापोती करके छोड़ देती है। मौत के बाद पुलिस प्रशासन ने परिजनों को डरावा धमकाकर जहरीली शराब से मौत ना होने की दबाव बना रही है। जिससे पीड़ित परिवार भी इस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। लेकिन क्षेत्र में जहरीली शराब की चर्चा जोरो शोरो पर है। एक साथ चाचा-भतीजे की मौत के बाद गांव का माहौल गमगीन बना हुआ है। इस मामले में अभी भी 3 लोग की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। यह सभी लोग एक ही गांव के हैं, जिन्होंने साथ में शराब का सेवन किया था। वहीं बीमार व्यक्तियों की पहचान तरैया थाना क्षेत्र के शाहनवाज निवासी पंकज कुमार पिता रघुवीर रावत, सोनू अंसारी पिता अब्दुल्लाह अंसारी और दिलीप रावत पिता बिन्दा रावत के रूप में की गई है।

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