बीएसएससी की तीनों पालियों की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पटना में सड़कों पर उतरे अभ्यर्थी, कड़ाके की ठंड में कम नही हुआ उत्साह

पटना। बीएसएससी ने 23 दिसंबर को प्रथम पाली की परीक्षा उसी दिन लीक होने के बाद रद्द कर दी थी। अभ्यर्थियों की मांग है कि दूसरी और तीसरी पाली की परीक्षा भी रद्द की जाए। आयोग इसे रद्द नहीं कर रहा। मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही है। आयोग और अभ्यर्थियों के बीच तनातनी है। आज बुधवार को छात्र सड़क पर उतरने वाले हैं। इससे पहले छात्रों ने ट्वीटर पर अभियान चलाया था और पटना कॉलेज में मीटिंग भी की थी। यह पूरी परीक्षा लगभग 9 लाख अभ्यर्थियों से जुड़ा है इसलिए इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को हस्तक्षेप करना चाहिए और छात्रों की भावना समझनी चाहिए। तृतीय स्नातक परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने की खबर भास्कर ने सबसे पहले सामने लायी थी। उसके बाद उसी दिन बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने प्रथम पाली की परीक्षा रद्द कर दी। लेकिन अभ्यर्थियों का आरोप है कि चूंकि तीनों पालियों की परीक्षाओं का प्रश्न पत्र वायरल है इसलिए तीनों ही परीक्षाएं रद्द होनी चाहिए। अभ्यर्थी बीएसएससी की परीक्षाओं में पारदर्शिता की मांग पर भी डटे हुए हैं। छात्र नेता दिलीप कुमार कहा है कि परीक्षा में पारदर्शिता नहीं होने से सवाल उठते हैं। कहा कि जब तीनों पालियों की परीक्षाओं को प्रश्न पत्र वायरल हैं और बीएसएससी प्रश्न पत्र किसी को ले जाने नहीं देता तो ऐसी स्थिति में सभी को रद्द कर फिर से पारदर्शी तरीके से परीक्षा लेनी चाहिए।
आठ वर्षों के बाद ली गई थी परीक्षा
यह परीक्षा 2187 पदों के लिए ली गई थी। इस पीटी परीक्षा के बाद मेंस परीक्षा होनी है। इसे अंतिम रूप से क्वालिफाई करने के बाद सचिवालय सहायक, योजना सहायक, मलेरिया निरीक्षक और अंकेक्षक पदों पर नियुक्ति होनी है। आठ वर्षों के बाद यह परीक्षा हुई लेकिन इसमें प्रश्न पत्र लीक होने के बाद पहली पाली की परीक्षा रद्द कर दी गई। 4 जनवरी को 11 बजे दिन में बड़ी संख्या में पटना में छात्र जुट रहे हैं और शांतिपूर्ण तरीके से सड़क मार्च करेंगे। पटना कॉलेज से पैदल मार्च शुरु होगा और मुसल्लहपुर, भिखना पहाड़ी, नया टोला, गांधी मैदान होते हुए बीएसएससी ऑफिस तक जाएगा। यह लड़ाई बिहार के वर्तमान और भविष्य की लड़ाई है, अभी हम चुप रहेंगे और सहेंगे तो आगे और भी धांधली और सेटिंग होती रहेगी।

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