लॉयड लॉ कॉलेज में ‘फेयर टेल्स’ पुस्तक का अनावरण समारोह आयोजित, पूर्व न्यायाधीश ने किया विमोचन

पटना। लॉयड लॉ कॉलेज में एक पुस्तक के अनावरण समारोह में पूर्व न्यायाधीश रवींद्र एस भट ने कहा कि गुलाबी रंग को हर महिला का पसंदीदा रंग मानने से लेकर अदालत कक्ष में कमजोर सेक्स जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने तक, समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ रूढ़िवादिता मौजूद है। अनबाउंड स्क्रिप्ट द्वारा प्रकाशित डॉ. शताक्षी आनंद की पुस्तक ‘फेयर टेल्स’ का विमोचन करते हुए न्यायमूर्ति भट ने इसे अपनी तरह की अनूठी पुस्तक बताया, जो इस क्षेत्र में अग्रणी है। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण और समानता पर केंद्रित उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसलों पर भी चर्चा की। हम जिस भाषा का उपयोग करते हैं, उसे बहुत सावधानी से डिजाइन करने की आवश्यकता होती है चाहे वह बच्चों की कहानी की किताबों में हो या अदालत कक्ष। न्यायमूर्ति भट ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स के मुख्य बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला। डॉक्टर शताक्षी आनंद ने कहा कि अपनी पुस्तक में उन्होंने त्वचा के रंग से लेकर पेशेवर रूढ़ियों तक सभी प्रकार के लिंग भेदभाव को खत्म करने की कोशिश की है। उसने कहा कि हम स्नो व्हाइट और सिंड्रेला की कहानियों को सुनकर बड़े हुए हैं, जहां राजकुमारी एक अतिसुन्दर और छुई मुई रूप से हैं और एक राजकुमार नाटकीय रूप से उसे बचाने के लिए अंत में आता है। नई पीढ़ी के बच्चों को यह समझने की जरूरत है कि सुंदरता त्वचा के रंग से परे है और महिलाएं भी योद्धा हो सकती हैं। संस्था के निदेशक डॉ. मोहम्मद सलीम ने कहा कि कहानी की किताबें बच्चों की पहली बौद्धिक बातचीत का निर्माण करती हैं और यह सभी पूर्वाग्रहों से मुक्त होनी चाहिए। गुड़गांव की एडीजे सुश्री मोना सिंह, लॉयड स्कूल ऑफ लॉ के अध्यक्ष मनोहर थारानी, मानद निदेशक इरम माजिद, निदेशक प्रशासन डॉ. अखिलेश कुमार खान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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