स्वास्थ्य मंत्री बोले- रक्तदान नेक कार्य, इससे समाज में आपसी एकता होती है मजबूत

  • दो बल्ड कलेक्शन एवं ट्रांसपोर्टेशन बस को स्वास्थ्य मंत्री ने दिखायी हरी झंडी

पटना। रक्तदान एक ऐसा नेक कार्य है, जिससे किसी की जान बचायी जा सकती है। इससे एक संदेश जाता है कि आज भी समाज में मानवता व मानवीय भावना जिंदा है। रक्तदान समाज के लोगों के लिए प्रेरणादायी कार्य होता है। ऐसी भावनाओं से समाज एक होता है, उसमें मजबूती आती है जो राज्य के विकास में सहायक होता है। उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विश्व रक्तदाता दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह एवं रक्तदान शिविर के अवसर पर कहीं। इस दौरान 51 लोगों ने रक्तदान भी किया।
रक्तदान के प्रति महिलाओं की बढ़ती भागीदारी उत्साहवर्द्धक
श्री पांडेय ने कहा कि इस साल 2021-22 में 106 लोगों ने (पुरुष व महिला) ने एक वर्ष में चार बार से अधिक रक्तदान किया है। यह सामान्य बात नहीं। प्रत्येक साल रक्तदाताओं की संख्या बढ़ रही है। 2017-18 में एक साल के अंदर चार बार से अधिक रक्तदान करने वालों की संख्या एक थी, जो 2018-19 में 12 हुई, 2019-20 में 16 हुई, जिसमें दो महिलाएं भी थी। 2020-21 में यह बढ़कर 63 हो गयी, जिसमें 9 महिलाएं थी। इस साल इसकी संख्या 2021-22 में 106 पहुंच गयी। इसमें महिला रक्तदाताओं की संख्या 16 है, जो उत्साहवर्द्धक है। वहीं राज्य के अंदर ब्लड बैंक की संख्या बढ़ रही है। राज्य के अंदर आज 104 ब्लड बैंक हो गये हैं। 70 जगहों पर ब्लड स्टोरेज यूनिट कार्यरत है। जहां एफआरयू है, वहां ब्लड स्टोरेज यूनिट है। राज्य में 34 जगहों पर ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट लगा है। थैलेसिमिया, हीमोफिलिया व सिकलसेल एनीमिया मरीजों को ब्लड की जरूरत पड़ती है। उसके लिए पीएमसीएच व एसकेएमसीएच में डे केयर यूनिट खुले हैं। दो से तीन महीनों में गया के अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज व भागलपुर के जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज में भी डे केयर सेंटर स्थापित होंगे।


स्वास्थ्य विभाग का अंगदान पर भी जोर
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रक्तदान के साथ ही स्वास्थ्य विभाग अंगदान पर भी जोर दे रहा है। राज्य के चार नए रक्त केंद्र सदर अस्पताल अररिया, अरवल, बांका एवं भागलपुर में स्थापित किए जा चुके हैं। राज्य में दो नए ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट सदर अस्पताल मुंगेर तथा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, पूर्णिया में स्थापित किया गया है। विश्व रक्तदाता दिवस पर दो ब्लड कलेक्शन एवं ट्रांसपोर्टेशन बस को स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुजफ्फरपुर व भागलपुर प्रमंडल के लिए दिया गया, जो वहां रक्त संग्रह में मदद करेगी। एक साल में रक्तदान से जुड़ी जो कार्ययोजना है, उसमें बिहार में अभी डिपार्टमेंट आफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसन नहीं है। उसकी स्थापना एनएमसीएच में एक साल के अंदर कर ली जाएगी। एडवांस टेक्नोलॉजी फार ब्लड ग्रुपिंग सेमिआटोमेटिक कॉल्यूम्न एग्लूटिनेशन फार ब्लड ग्रुपिंग एंड क्रॉस मशीन की स्थापना राज्य के सभी जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में की जाएगी। उसी प्रकार से आटोमेटिक एग्लूटिनेशन टेक्नोलॉजी की स्थापना पीएमसीएच व डीएमसीएच में की जाएगी। एचआईवी व हेपेटाईटिस बी व सी की जांच के लिए एडवांस टेक्नालॉजी पीएमसीएच में लगाया जाएगा।
सात जिलों में एक साल के अंदर होंगे ब्लड बैंक
श्री पांडेय ने कहा कि सात जिलों में एक साल के अंदर जिन अस्पतालों में ब्लड बैंक बनेंगे, उसमें शिवहर, सुपौल, पटना सिटी गुरुगोविंद सिंह अस्पताल, सदर अस्पताल गया, मोतिहारी, दरभंगा व बाढ़ शामिल हैं। ब्लड सेपरेशन कंपोनेंट जो 34 स्थान पर हैं, वह तीन और स्थानों गया, बेतिया व सीवान में लग जाएंगे। इन सारी व्यवस्थाओं को जोड़कर राज्य का स्वास्थ्य विभाग लोगों की सुविधा के लिए अगले एक साल में बेहतर कार्य करने की कार्ययोजना पर कार्य कर रहा है।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर राज्य स्वास्थ्य समिति कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह, अपर कार्यपालक निदेशक श्री केशवेंद्र, राज्य औषधि नियंत्रक रवीन्द्र कुमार, राज्य प्रोग्राम पदाधिकारी एनके गुप्ता, बीसेक्स के संयुक्त निदेशक मनोज कुमार सिन्हा समेत कई लोगों की उपस्थिति रही।

About Post Author

You may have missed