BJP का CM नीतीश पर आरोप, कहा- शराबकांड मौत के आंकड़े छिपा रही हैं सरकार, इसलिए NHRC की जांच से डर रहे है नीतीश

पटना। छपरा में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम शराबकांड की जांच कर रही है। वही विपक्षी दल BJP का आरोप है कि सरकार मौत के आंकड़े को छिपा रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा शराबकांड की जांच करने पर सत्ताधारी दल लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। वही इस जांच के विरोध पर विपक्षी दल के नेता सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है। वही उन्होंने कहा है कि यह पहला मौका नहीं है जब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम बिहार आई है। बल्कि इस साल में तीसरी बार आयोग की टीम बिहार पहुंची है। वही उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार को सिर्फ इस बात का डर है कि जांच में कही सच्चाई सामने न आ जाए। वही सम्राट चौधरी ने कहा है कि अगर राज्य की सरकार ठीक ढंग से काम कर रही होती तो मानवाधिकार आयोग की टीम को बिहार आने की जरूरत नहीं थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम कोई पहली बार शराबकांड की जांच करने के लिए बिहार नहीं आई है, बल्कि 2022 में आयोग की टीम तीसरी बार बिहार आ चुकी है। बिहार के मुख्यमंत्री को तो आजकल कुछ याद भी नहीं रहता है। अगर बिहार के CM अज्ञानी हो गए हैं तो इसमें बीजेपी क्या कर सकती है।

वही उन्होंने कहा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम का एक साल के भीतर यह तीसरा दौरा है। सम्राट ने बताया कि 1995 में लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री रहते हुए उनके घर को तोड़वा दिया था और जेल में डलवाने का काम किया था। उस वक्त उनके पिता शकुनी चौधरी, जॉर्ज फर्नांडिस और खुद नीतीश कुमार ने मानवाधिकार आयोग पहुंचकर इसकी शिकायत की थी। इसके बाद मानवाधिकार आयोग की कमेटि पहुंची थी और बिहार सरकार को जुर्माना लगाया था। वही सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की सरकार शराबकांड में सिर्फ 38 लोगों की मौत की बात कह रही है। नीतीश कुमार को डर है कि कहीं मानवाधिकार आयोग की टीम जमीन खोदकर मरे हुए लोगों की गिनती न शुरू कर दे। छपरा की घटना राष्ट्रीय आपदा के समान है। नीतीश कुमार को डरने की जरूरत नहीं है बल्कि उन्हें बताना चाहिए कि बिहार में शराबबंदी के बाद से जहरीली शराब पीने से अबतक कितने लोगों की मौत हुई है।

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