विपक्षी गठबंधन को खत्म करने के लिए नीतीश के साथ गई बीजेपी : प्रशांत किशोर

पटना। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को भारत के विपक्षी दलों की तरफ से कमजोर प्रदर्शन किए जाने की बात कही है। उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को हराने के कई मौके आए, लेकिन विपक्ष उनका फायदा नहीं उठा सका। साथ ही उन्होंने साफ किया है कि भारत में कभी भी तानाशाही जगह नहीं ले सकेगी। उन्होंने दावा किया है कि भाजपा ने विपक्षी गठबंधन को खत्म करने के लिए नीतीश कुमार के साथ दोबारा हाथ मिलाया है। किशोर ने ताजा सियासी हालात पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, ‘भारत में कभी भी सत्ता का ऐसा केंद्रीकरण नहीं देखा है। जब एक पार्टी को इतने ज्यादा वोट मिलते हैं, तो विपक्ष के लिए मुश्किल हो जाती है। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इंदिरा गांधी के समय में कहा जाता था कि इंडिया इज इंदिरा इंदिरा इज इंडिया। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष के पास कई मौके थे, लेकिन उन्होंने अधिकांश मौके गंवा दिए। उदाहरण के लिए कोविड के दौरान सरकार की रेटिंग सबसे कम थी, लेकिन विपक्ष इसका लाभ नहीं ले सका। क्रिकेट की तरह, अगर आप कैच गंवाते हैं, तो आप मैच भी गंवाते हैं।’ साथ ही उन्होंने कहा है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया को पहले ही साथ आ जाना चाहिए था और ज्यादा काम करना चाहिए था। उन्होंने तंज कसा, ‘नेता फ्लाइट पकड़ने के लिए मीटिंग छोड़कर निकल जाते थे, जो साफतौर पर दिखाता है कि वे इसे कितनी अहमियत देते थे। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के दलबदल के बाद भी राज्य के शीर्ष पद पर बने रहने को लेकर किशोर ने कहा, ‘इसका लेना देना आंकड़ों से है। भाजपा उन्हें इसलिए लेकर नहीं आई है कि इससे उन्हें फायदा होगा। उन्होंने ऐसा इसलिए किया है कि इससे इंडिया विपक्षी गठबंधन का विचार खत्म करना चाहते हैं। नीतीश इसका बड़ा हिस्सा थे। उन्होंने युद्ध जीतने के लिए एक जंग हारी है।’

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